वित्तीय रूप से कमजोर लोगो को सशक्त बनाने के उद्देश्य से, खासकर महिलाओं एवं परिवार की कमाई में वृद्धि करवाने के उद्देश्य से पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुक्तिधारा योजना की घोषणा की। ग्रामीण क्षेत्रों की बेरोजगारी को दूर करने के लिए इस योजना के द्वारा स्वयं सहायता समूहों का समग्र विकास किया जायेगा। जीवन-यापन में स्थिरता लाने के लिए, गरीबी और बेरोजगारी को दूर करने के लिए स्वयं सहायता समूह और स्वरोजगार के माध्यम से वित्तीय सुधार लाने के लिए इस योजना का शुरुआत किया गया है। इस योजना के तहत पश्चिम बंगाल सरकार वैसी स्वयं सहायता समूह को प्रशिक्षण देती है, जो पश्चिम बंगाल मुक्तिधारा योजना के तहत पंजीकृत है।
योजना का नाम | मुक्तिधारा योजना |
सम्बंन्धित राज्य | पश्चिम बंगाल |
योजना का उद्देश्य | स्वयं सहायता समूह, स्वरोजगार और गरीब महिलाओं की आय में वृद्धि करना |
योजना का लाभ | योजना के तहत पंजीकृत एसएचजी तथा गरीब महिलाओं को |
वेबसाइट | https://wb.gov.in/portal/web/guest/muktidhara |
स्वयं सहायता समूह ग्रामीण क्षेत्र में स्वयं सेवक के रूप में कार्य करती है। उन लोगों को जीविकोपार्जन के लिये सब्जियां उगाना, साल के पत्तों से प्लेट बनाना, कुक्कुट पालन, भेंड़ पालन, मुर्गी पालन, सूअर पालन एवं अन्य पालन-पोषण में सहायता करते हैं। साथ ही फुले चावल से उत्पादन, दुधारू पशु एवं परियोजना के द्वारा यह योजना स्वयं सहायता समूह के प्रत्येक परिवार को विभिन्न आय सृजन गतिविधियी में भाग लेने और प्रत्येक परिवार को कम से कम 3000₹ मासिक कमाने के लिए प्रेरित करता है।
पश्चिम बंगाल में मुक्तिधारा योजना 2022 की विशेषताएँ (West Bengal Muktidhara Yojana 2022: Objectives)
- मुक्तिधारा योजना के तहत स्वयं सहायता समूह और स्वरोजगार वालो की आय में तेजी से वृद्धि, गरीबी हटाना और आर्थिक दृष्टि से पिछड़ी महिला की पारिवारिक आय में वृद्धि किया जाता है।
- आय में वृद्धि के लिए तालाब की सफाई, मछली पालन, लाह, सब्जी, साल के पत्ता का प्लेट बनाना, मुढ़ी, बकरी पालन, सूअर पालन डेयरी पशु पालन, मुर्गी पालन आदि का प्रशिक्षण इस योजना के तहत पंजीकृत लोगो को दिया जायेगा।
- ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दूर करने एवं स्वयं सहायता समूह का समग्र विकास के लिए पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा मुक्तिधारा योजना शुरू किया गया।
- मुक्तिधारा योजना की पहली बार 7 मार्च 2013 को पुरुलिया जिले से शुरू किया गया था। नाबार्ड के सहयोग से इसे कार्यान्वित किया गया था।
- बलरामपुर और पुरुलिया जिले के 139 स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को बड़े पैमाने पर इस योजना के तहत प्रशिक्षित किया गया।
- इस योजना के तहत पंजीकृत स्वयं सहायता समूहों को पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रशिक्षित किया जाता है।
- पश्चिम बंगाल मुक्तिधारा योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए इसके आधिकारिक वेबसाइट https://wb.gov.in/portal/web/guest/muktidhara पर जाकर पता किया जा सकता है।
- खेती करने के तरीकों, उर्वरकों का उपयोग आदि के तरीकों और तकनीकी सहायता जैसे प्रशिक्षण और क्षेत्रीय प्रशिक्षण समय- समय पर जिला प्रसाशन द्वारा प्रदान किये जाते हैं।
- प्रत्येक गाँव के 25-25 लोगों को प्रशिक्षित किया जायेगा।
- महिलाओं को गाँव में ही काम मिलेगा। महिलाओं को 2% ब्याज पर लोन मिलेगा।
पश्चिम बंगाल में मुक्तिधारा योजना 2022 के लाभ (West Bengal Muktidhara Yojana 2022: Benefits)
- इस योजना द्वारा परम्परागत खेती सुर ईंधन की लकड़ी पर लोगों की निर्भरता कम होगी।
- प्रशिक्षण को सफलता पूर्वक पास करने के बाद स्वयं सहायता समूहों को कम ब्याज पर बैंकों से ऋण मिलेगा। यह ऋण राशि 1.25लाख ₹ की होगी।
- इस योजना के द्वारा अधिकांश प्रशिक्षण कृषि कार्यो में दिए गए हैं। ताकि नै तकनीकों को अपना कर स्पंजी समग्र आय में वृद्धि किया जा सके।
- यह योजना स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) के प्रत्येक परिवार को कई आय सृजन गतिविधियों में भाग लेने और कम से कम प्रति माह 3000₹ कमाई करने के लिए प्रेरित करता है।
- यह योकन ग्रामीण क्षेत्रो की बेरोजगारी को कम करेगा तथा स्वयं सहायता समूहों का समग्र विकास करेगा।
पश्चिम बंगाल सरकारी योजना 2022 | सरकारी योजना List | प्रधानमंत्री सरकारी योजना 2022 |