जाने क्या है स्वदेश दर्शन योजना और आप कैसे उठा सकते है इसका फायदा
क्या आपको पता है स्वदेश दर्शन योजना क्या है और आप इसका लाभ कैसे उठा सकते है। पर्यटन एवं धर्मार्थ कार्य राज्यमंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी ने गंगा के किनारे कि गांवों में पर्यटन सुविधा मुहैया कराए जाने के लिए ‘भागीरथ सर्किट’ बनाए जाने का निर्देश दिया है। इसके लिए ‘स्वदेश दर्शन’ योजना अंतर्गत वृहद डीपीआर तैयार कर भारत सरकार को भेजे जाने का पर्यटन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया। पर्यटन एवं धर्मार्थ कार्य राज्यमंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी ने गंगा यात्रा को लेकर लखनऊ में समीक्षा कर रहे थे। अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि गंगा के किनारे के इन ग्राम सभाओं में वहां की जरूरत के अनुसार छोटे गेस्ट हाउस, पार्क एवं पर्यटन एवं पर्यटकों की सुविधा के लिए छोटे हट आदि को डीपीआर में शामिल किया जाए। उन्होंने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि गंगा यात्रा में होने वाले गंगा पूजन के दौरान पॉलिथीन का कतई प्रयोग न किया जाए। गंगा पूजन कार्यक्रम का पर्यटन विभाग द्वारा आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा गंगा यात्रा के दौरान आयोजित होने वाली जनसभा स्थलों पर पर्यटन विभाग द्वारा प्रदर्शनी लगाई जाएगी। उन्होंने कार्यक्रम स्थलों पर पर्यटन विभाग द्वारा कराए गए एवं कराए जा रहे कार्यों एवं कार्यक्रमों की होर्डिंग आदि के माध्यम से प्रदर्शित कराए जाने का निर्देश दिया। बैठक में प्रमुख सचिव पर्यटन के अलावा अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
स्वदेश दर्शन योजना 2022 का मुख्य उद्देश्य | Swadesh Darshan Schem: Objectives
स्वदेश दर्शन योजना के द्वारा देश में जो पर्यटन स्थल है उनके विकास में वृद्धि की जाएगी। भारत की सरकार ने इस योजना की शुरुआत 2015 में की थी। इस योजना में और भी दो योजनाओं को जोड़ा गया है पहली योजना है प्रसाद योजना जिसका उद्देश्य है प्रत्येक धर्म के तीर्थस्थलों को सुविधा प्रदान करना और दूसरी योजना है स्वदेश दर्शन योजना यह योजना एक प्रकार की थीम पर आधारित है जो पर्यटन सर्किट के विकास को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है। आज हर जगह भगवान के दर्शन करने वाले लोगों की संख्या बढती ही जा रही है। भारत में ऐसे बहुत से मनोहारी पर्यटन स्थान है जहाँ अधिक मात्रा में पर्यटक घूमने आते है। इन्हीं पर्यटकों के लिए इन पर्यटन स्थानों को और भी ज्यादा बेहतर बनाये जाने के लिए स्वदेश दर्शन एवं प्रसाद योजना को प्रारंभ किया गया है। इस स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत परिवहन, आर्थिक स्थिति, भोजन, रोज़गार इन सभी पर आवश्यक रूप से ध्यान दिया जाएगा। सरकार ने इस योजना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस योजना के तहत कुछ शहरों को भी चुना गया है। जहाँ पर पर्यटन स्थानों को रिनोवेट किया जाएगा।
स्वदेश दर्शन योजना 2022 की विशेषताएँ | Swadesh Darshan Scheme 2022: Features
- स्वदेश दर्शन योजना के तहत सार्वजनिक वित्तपोषण हेतु परियोजना घटकों के लिए 100% केंद्रीय वित्तपोषण।
- स्वदेश दर्शन योजना के तहत केंद्रीय सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और कॉर्पोरेट क्षेत्र की कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी पहल के लिए उपलब्ध स्वैच्छिक धन का लाभ उठाने के लिए।
- व्यक्तिगत परियोजना के वित्त पोषण की स्थिति अलग-अलग होगी और इसे प्रोग्राम मैनेजमेंट कंसल्टेंट द्वारा तैयार विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के आधार पर अंतिम रूप दिया जाएगा।
- इन 5 राज्यों में परियोजना को स्वीकृति प्रदान की गई है मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड, तमिलनाडु।
- स्वदेश दर्शन योजना को पब्लिक फंडिंग के लिए शुरू किया गया है। जिसमें पूरी तरह से केन्द्रीय वित्त द्वारा सहायता दी गई है। इस योजना में लगने वाली कुल लागत 2048 करोड़ रुपये है।
स्वदेश दर्शन योजना 2021 के लक्ष्य | Swadesh Darshan Scheme 2021: Aim
- स्वदेश दर्शन योजना के तहत पहचान किये गए थीम बेस्ड सर्किट में इंफ्रास्ट्रक्चर का इंटीग्रेटेड विकास करना।
- इस स्वदेश दर्शन योजना के तहत ज्यादा पर्यटक आने की वजह से उस स्थान के आर्थिक विकास में वृद्धि होगी।
- अधिक आर्थिक विकास होने के कारण रोज़गार में भी अधिक वृद्धि होगी।
- स्थानीय संस्कृति, स्थानीय कला, भोजन तथा हस्तशिल्प को बढ़ावा देना भी इसका एक उद्देश्य है।
- इस स्वदेश दर्शन योजना के उद्देश्य में कुछ आधारभूत सुविधाओं के विकास को भी बढ़ावा देना है। जैसे – जल मार्ग, रेल, सड़क, मनी एक्सचेंज, एटीएम आदि।
स्वदेश दर्शन योजना में आने वाले स्थान
- मथुरा (उत्तरप्रदेश)
- अजमेर (राजस्थान)
- कांचीपुरम (तमिलनाडु)
- द्वारका (गुजरात)
- गया (बिहार)
- अमृतसर (पंजाब)
- वाराणसी (उत्तरप्रदेश)
- कामाख्या (असम)
- अमरावती (आंध्रप्रदेश)
- पूरी (ओडिशा)
- वेलान्कन्नी (तमिलनाडु)
- केदारनाथ (उत्तराखंड)
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