सेवा भोज योजना 2021 | Seva Bhoj Yojana Hindi 2021
1 जून 2018 भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा सेवा भोज योजना शुरू करने की घोषणा की गई। इस योजना का शुभारंभ 1 अगस्त 2018 को हुआ। वित्तीय वर्ष 2018–19 और 2019–20 के लिए इस योजना हेतु 350 करोड़ ₹ आवंटित किया गया। इस योजना के तहत परोपकारी धार्मिक संस्थाओं द्वारा अनिर्मित खाद्य वस्तुओं पर लगने वाले केंद्रीय वस्तु और सेवाकर (सीजीएसटी) व एकीकृत वस्तु और सेवाकर (आईजीएसटी) वापस कर दिया जायेगा। ताकि लोगों/श्रद्धालुओं को बिना किसी भेदभाव के भोजन/प्रसाद/लंगर/भंडारा चलने वाले परोपकारी धार्मिक संस्थानों का वित्तीय बोझ कम किया जा सके।
योजना का नाम | सेवा भोज योजना |
आरम्भ होने की तिथि | 1 अगस्त 2018 |
उद्देश्य | परोपकारी धार्मिक संस्थान को निशुल्क भोजन हेतु वित्तीय सहायता प्रदान करना। |
लाभार्थी | योजना के लिये पात्र परोपकारी धार्मिक संसथान। |
पोर्टल | http://csms.nic.in/login/sevabhoj.php |
सेवा भोज योजना 2021 : पात्रता व् शर्तें | Seva Bhoj Yojana Hindi 2021 : Eligibility and Guidelines
इस योजना के तहत वित्तीय सहायता/अनुदान के लिए आवेदन करने से पहले काम से का 5 वर्षों तक मंदिर, गुरुद्वारा, मस्जिद, गिरिजाघर, धार्मिक संसथान, मठ जैसे धार्मिक परोपकारी संस्थानो और एक महीने में कम से कम 5000 लोगों को निःशुल्क भोजन करने आयकर की धारा 10 (23 बीबीए) के तहत आने वाले संस्थान या सोसायटी पंजीकरण अधिनियम (1860 की XXI ) के अंतर्गत सोसाइटी के रूप में पंजीकृत संसथान अथवा किसी भी अधिनियम के तहत वैधानिक पंजीकृत धार्मिक संस्था के बनने के समय लागू कानून के तहत जन न्यास के तौर पर या आयकर अधिनियम की धरा एए के तहत पंजीकृत संस्थान इस योजना के तहत अनुदान के पात्र होंगे।
सेवा भोज योजना 2021 का उद्देश्य | Seva Bhoj Yojana Hindi 2021 : Objectives
सेवा भोज योजना के तहत परोपकारी धार्मिक संस्थाओं द्वारा अनिर्मित खाद्य वस्तुओं पर लगने वाले केंद्रीय वस्तु और सेवाकर (सीजीएसटी) व एकीकृत वस्तु और सेवाकर (आईजीएसटी) वापस कर दिया जायेगा।
सेवा भोज योजना 2021 की विशेषताएँ | Seva Bhoj Yojana Hindi 2021 : Features
- सेवा भोज योजना व्यक्तियों/श्रद्धालुओं को निःशुल्क भोजन प्रदान करने के लिए धार्मिक संस्थानों द्वारा विशिष्ट अनिर्मित वस्तुओं की खरीद पर प्रदत्त केंद्रीय वस्तु सेवा कर और एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर के केंद्र सरकार के हिस्से के प्रतिपूर्ति के लिए है।
- यह योजना सेवा भोज योजना के लिए पात्र संस्थानों के लिए ही है।
- योजना के तहत मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, धार्मिक आश्रम, मध्, गिरजाघर, सोसाइटी अदि द्वारा अदि द्वारा प्रदान किये जानेवाले निःशुल्क प्रसाद/भोजन/लंगर/भंडारा आदि को समर्थन दिया जायेगा।
- योजना के अंतर्गत वित्तीय सहायता पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर एक वित्तीय वर्ष में इस उद्देश्य हेतु उपलब्ध फंड से दी जायेगी।
- प्रतिपूर्ति के रूप में वित्तीय सहायता धार्मिक संस्थानों द्वारा घी, खाद्य तेल, चीनी, गुड़, आटा, , मैदा, रवा, सूजी और दाल के लिए प्रदत्त सेवा कर पर दी जायेगी।
- वित्तीय वर्ष 2018-19 में खरीद पर प्रतिपूर्ति की जाने वाली केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर और एकीकृत वस्तु और सेवा कर के केंद्र सरकार भाग के कुल राशि का अधिकतम सीमा 10% होगा।
सेवा भोज योजना 2021 का क्रियान्वयन | Seva Bhoj Yojana Hindi 2021
सांस्कृतिक मंत्रालय वित्त आयोग के अवधि के साथ समाप्त होने वाले समयावधि के लिए पात्र परोपकारी धर्मार्थ संस्थान का पंजीकरण करेगा। संस्थान के कार्यो का आकलन करने के बाद मंत्रालय पंजीकरण का नवीनीकरण कर सकता है। जन साधारण जीएसटी पदाधिकारियों और संस्था या संसथान के लिए पंजीकृत संसथान का वितरण ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध होगा। संस्था/संस्थान को जीएसटी या आईजीएसटी का केंद्र सरकार के हिस्से को वापस पाने के लिए राज्य स्तर पर जीएसटी विभाग के निर्धारित अधिकारी को पंजीकरण की मान्यता के दौरान निर्दिष्ट प्रारूप में भेजना होगा। सहयोग ज्ञापन, कर्मचारियों या निःशुल्क भोजन सेवा के स्थानों को बढ़ने या कम करने के किसी भी प्रकार की जानकारी देने की जिम्मेदारी संस्था या संसथान को होगी।
सेवा भोज योजना 2021 का पंजीकरण | Seva Bhoj Yojana Hindi 2021 : Registration

- सेवा भोज योजना के तहत धार्मिक संस्थानों का नामांकन एक ही बार होगा।
- 31 मार्च 2020 तक सांस्कृतिक मंत्रालय द्वारा धार्मिक संस्थानों का नामांकन किया जायेगा।
- सर्वप्रथम धार्मिक संस्थानो को नीति आयोग के दर्पण पोर्टल http://csms.nic.in/login/sevabhoj.php पर पंजीकरण करना होगा।
- सभी पात्र संस्थानों का दर्पण पोर्टल http://csms.nic.in/login/sevabhoj.php में रजिस्ट्रेशन आवश्यक है।
- मंत्रालय को चार सप्ताह के भीतर इस उद्देश्य से गठित कमिटी द्वारा की जायेगी।
- समिति के सिफारिशो के आधार पर मंत्रालय के सक्षम पदाधिकारी ऊपर बताया गए विशेष सामग्रियों पर सीजीएसटी और आइजीएसटी का केंद्र सरकार का हिस्सा वापस लौटने के लिए परोपकारी धार्मिक संस्थानों का पंजीकरण करेगा।
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