प्रधानमंत्री पशुधन रोग नियंत्रण योजना | Pradhan Mantri National Animal Disease Control Programme 2022
11 सितम्बर 2019 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मथुरा में “पशुधन रोग नियंत्रण योजना की शुरुआत की। यह योजना पशुओं में होने वाले खुरपका और मुँहपका रोग (एमएफडी) और ब्रुसेलोसिस के नियंत्रण और उन्मूलन के लिए है।
योजना का नाम | पशुधन रोग नियंत्रण योजना |
योजना लागू होने की तिथि | 11 सितम्बर 2019 |
योजना का उद्देश्य | पशुओं में होनेवाली खुरपका एवं मुंहपका रोग तथा ब्रुसेलोसिस रोग का नियंत्रण और उन्मूलन। |
लाभार्थी | भारतीय किसान और पशुपालक |
लक्ष्य | वर्ष 2025 तक उपरोक्त रोगों पर नियंत्रण और वर्ष 2030 तक उन्मूलन। |
पूर्णतः केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित इस कार्यक्रम की व्यय राशि 12652 ₹ है। इन दोनों बीमारियों में कमी लाने के लिए देश भर में 60 करोड़ से अधिक पशुओं का टीकाकरण किया जायेगा।
प्रधानमंत्री पशुधन रोग नियंत्रण योजना फुट एवं माउथ रोग
- ज्ञातव्य है कि खुरपका रोग एयर मुंहपका विभाजित खुर वाले पशुओं जैसे – गाय, भैंस, बकड़ी, सूअर इत्यादि में होने वाली अत्याधिक संक्रामक रोग है।
- Picornaviridae परिवार के Apthovirus नामक विषाणु इस रोग के कारक होता है।
- इसका लक्षण पशुओं के मुँह और पैर में छाला पर जाता है और बाद में यह फटकर घाव में बदल जाता है।
- इस रोग के कारण दुधारू पशुओं के दूध के उत्पादन में करीब 80% कमी आती है।
प्रधानमंत्री पशुधन रोग नियंत्रण योजना ब्रुसेलोसिसी रोग
- ब्रुसेलोसिस एक संक्रामक रोग है, जो Brucella नामक जीवाणु (Bacteria) से होता है। इसे भूमध्य सागरीय ज्वर (Mediterranean fever) या माल्टा ज्वर (Malta fever) के नाम से भी जाना जाता है।
- पुरे मवेशी, भेंड़, बकड़ी, घोड़े, कुत्ते आदि इस रोग से प्रभावित होते हैं।
- इस रोग के कारण पशुओं के प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है।
PM National Animal Disease Control Programme Objectives
- इसका उद्देश्य पशुओं की सेहत में सुधार कर किसानों एवं पशुपालकों की आय में वृद्धि करना है।
- इस कार्यक्रम के तहत ब्रुसेलोसिस बीमारी को नियंत्रण एवं उन्मूलन सालाना 36 मिलियन मादा गोजातीय बछड़ो का टीकाकरण करना भी शामिल है।
- इस योजना का उद्देश्य पशुओं में होने वाले मूंहपका और खुरपका रोग (foot and mouth disease) तथा ब्रुसेलोसिस (Brucellosis) रोग का नियंत्रण और उनका उन्मूलन करना है।
- यह कार्यक्रम पशुओं में टीकाकरण के माध्यम से वर्ष 2025 तक खुरपका और मुंहपका रोग तथा ब्रुसेलोसिस को नियंत्रण करने और 2030 तक उनका उन्मूलन करने को लक्षित किया गया है।
- यह पूर्णतः केंद्र वित्तपोषित कार्यक्रम है। जिसका वर्ष 2019 से वर्ष 2024 के लिये परिव्यय राशि 12652 ₹ निर्धारित है।
PM National Animal Disease Control Programme 2022: Requirement
- उपरोक्त दोनों ही रोगों का पशुधन उत्पाद एवं दूध व्यापर पर प्रत्यक्ष नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
- यदि कोई गाय और भैंस खुरपका और मुंहपका रोग संक्रमित हो जाता है, तो वे दूध देने लगभग बन्द कर देते हैं और ये स्थिति 4 से 6 महीने तक रह सकता है। इससे किसानों एवं पशुपालकों को बहुत आर्थिक परेशानियां झेलनी पड़ती है।
- इस कार्यक्रम को केंद्र सरकार के किसानों की आय फागुनी करने का लक्ष्य के रूप में भी देखा जा रहा है।
प्रधानमंत्री पशुधन रोग नियंत्रण योजना का लक्ष्य
- इस योजना का लक्ष्य पशुओं में होने वाले खुरपका एवं मुंहपका रोग तथा ब्रुसेलोसिस रोग पर 2025 तक नियंत्रण स्थापित करना तथा
- वर्ष 2030 तक उपरोक्त रोगों का उन्मूलन करना इस योजना का लक्ष्य है।
पशुधन रोग नियंत्रण के तहत पशुओं की होगी टैगिंग और मिलेगा आधार कार्ड :
इस योजना के तहत 51 करोड़ पशुओं का साल में दो बार टीकाकरण किया जायेगा। जिन पशुओं का टीकाकरण हो जायेगा उनको पशु आधार देकर उनके कान में टैगिंग कर दिया जायेगा। इसके साथ ही पशुओं को स्वास्थ्य कार्ड भी जारी किया जायेगा।
पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय के आंकड़ो के अनुसार वर्ष 2018 में खुरपका और मुंहपका रोग से 604 पशुओं की मौत हुई, जिसमे सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल में 363 पशुओं की मौत खुरपका और मुंहपका रोग से हुआ। वाही 2018 में ब्रुसेलोसिस बीमारी से भारत में 6 पशुओं की मौत हुई। पहले सिर्फ बड़े पशुओं (गाय एवं भैंस) को ही एमएफडी का टीका लगाई जाती थी, लेकिन पशुधन रोग नियंत्रण योजना के तहत बड़े पशुओं के साथ छोटे पशुओं (भेंड़, बकड़ी, सूअर आदि) को भी टीकाकरण किया जायेगा।
ब्रुसेलोसिस बीमारी के लिए टीकाकरण वृहत स्तर पर किया जायेगा। इस बीमारी से पशुओं में बाँझपन की समस्या आ रही थी। इससे किसानों को और पशुपालकों को बहुत समस्या आ रही थी। साथ ही इस बीमारी से डेयरी उद्योग को भी घट हो रही थी। इस अभियान से मवेशियों के सेहत में भी सुधार होगा।
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