प्रधानमंत्री स्वर्ण मुद्रीकरण योजना 2022 PM Gold Monetization Scheme 2022

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PM Gold Monetization Scheme 2021
PM Gold Monetization Scheme 2021

प्रधानमंत्री स्वर्ण मुद्रीकरण योजना 5 नवम्बर 2015 से लागू की गयी। यह योजना स्वर्ण जमा योजना के जगह पर शुर की गई है। इस योजना का उद्देश्य घरों में तथा मंदिरों में पड़े हुए निष्क्रिय पड़े हुए सोना को उत्पादक कार्यो लगभग 20000 टन सोना को उत्पादक कार्यो में इस्तेमाल करना और भारत का विदेशों से सोना आयात को कम करना।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने स्वर्ण मुद्रीकरण योजना को और उदार बनाते हुए धर्मान्ध संस्थानों, केंद्र, राज्यो और सरकारी प्रतिष्ठानों को भी स्वर्ण जमा करने की अनुमति प्रदान दी है। विशेषग्यो ने बताया कि आने वाले समय में इससे बड़ी भारी मात्रा में स्वर्ण एकत्रित होने की संभावना है।

इस योजना के द्वारा व्यक्तिगत रूप से , कॉरपोरेट प्रतिष्ठानों, म्यूचअल फण्ड तथा एक्सचेंज ट्रेन्डेड फंडों को पहले से ही सोना जमा करने की अनुमति प्रदान की जा चुकी है।

ययोजना का नाम प्रधानमंत्री स्वर्ण मुद्रीकरण योजना
योजना शुरू होने की तिथि 5 नवम्बर 2015
उद्देश्य बेकार पड़े हुए सोना को उपयोग में लाना
लाभ स्वर्ण आयात के लिये बड़े पैसा विदेश में न जाने से बचत

प्रधानमंत्री स्वर्ण मुद्रीकरण योजना 2022 का उद्देश्य (PM Gold Monetization Scheme 2022: Objectives)

इस योजना का उद्देश्य बहुत से व्यक्तियों के पास, धार्मिक संस्थानों, ट्रस्ट अदि के पास निष्क्रिय पड़े हुए स्वर्ण को सक्रिय प्रणाली के अंतर्गत लेकर उसे आर्थिक विकास के लिए उपयोग करना है। ताकि उसका उपयोग किया जा सके जो बड़ी मात्रा में ऐसे ही पड़े हुए हैं। हमारे देश में मंदिरों और ट्रस्ट के पास ऐसे ही सोने पड़े हुए हैं, जिसका कोई भी आर्थिक उपयोग नहीं हो रहा। वैसे संस्थानों से सोना निकलवाकर उसे विकास और कल्याण योजनाओं में लाया जा सकता है।

प्रधानमंत्री स्वर्ण मुद्रीकरण योजना 2022 की विशेषताएँ (PM Gold Monetization Scheme 2022: Features)

  • प्रधानमंत्री स्वर्ण योजना की घोषणा 2015-16 बजट सत्र में की गई।
  • इस योजना की शुरुआत 5 नवम्बर 2005 को की गई।
  • इसका उद्देश्य व्यक्तिगत रूप से धार्मिक संस्था, ट्रस्ट आदि के पास निष्क्रिय पड़े स्वर्ण को देश के कार्य मुख्य प्रणाली के अंतर्गत लाना है।
  • इस योजना से वैसे व्यक्ति भी जो अनुचित तारिक से सोना रखे हुए हैं। वे अपने सोना को इस योजना के तहत जमा कर सकेंगे। इस तरह गुप्त रूप से रखे हुए सोने को भी प्रणाली के अंतर्गत लाया जाएगा।
  • इस योजना के तहत जब्त किए गए सोना को भी जमा किया जायेगा, ताकि उसका आर्थिक उपयोग किया जा सके।
  • धर्मार्थ संस्थानों को इस योजना के तहत लाने से बेहिसाब सोना रखने वाले अपनी पहचान उजागर किये बिना ही सोना को जमा कर सकेंगे।
  • सरकार को पहले धर्मार्थ संस्थानों व ट्रस्ट द्वारा धन शोधन के सम्बन्ध में बहुत शिकायतें प्राप्त हो रही थी कि ये ट्रस्ट दान के रूप में मिलने वाली पैसा को स्वीकार करके दान डाता को पैसा वापस कर देती थी। इससे सरकार को पर्याप्त टैक्स नहीं मिल पाता था और यह् एक टैक्स चोरी का जरिया बन चूका था। इस योजना के तहत वैसे कार्यो पर भी रोक लगेगी।
  • सरकार ने अब धन शोधन को रोकने के लिए अज्ञात व्यक्तियों से प्राप्त दान के लिए धर्मार्थ ट्रस्टों पर 30% का कर लगा दिया गया है।
  • अब जो व्यक्ति धार्मिक ट्रस्ट में पैसा या सोना दानवाकार शोधन द्वारा वापस लेंज उसे ट्रस्ट 30% काटकर दे पायेगी। इससे देश में कर चोरी में भी कमी आयेगी।
  • इस योजना में सोना किसी संग्रह केंद्र में देना होता है जो हॉलमार्किंग केंद्र भी होती है। ये केंद्र सोना पिघलने के बाद शुद्धता का प्रमाण पत्र भी जारी करते हैं।
  • इस योजना के तहत जमाकर्ता को एक से तीन साल की छोटी अवधि के लिए सालाना 2.25% ब्याज मिलेगा। मध्य से दीर्घ अवधि के जमा पर 2.5% का ब्याज मिलेगा।
  • इस योजना के तहत अनुपयोगी पड़े करीब 20000 टन सोना को उत्पादक इस्तेमाल में आ सकेंगे।
  • विश्व स्वर्ण परिषद के अनुसार भारतीय घरों तथा संस्थानों में कारण 22000 से 23000 टन सोने ऐसे ही अनुपयोगी पड़े हुए हैं। सोना का वार्षिक आयात करीब 850 – 1000 टन है, जिसकी कीमत 35 – 45 अरब डॉलर है। इसे इस योजना के द्वारा बचाया जा सकता है और इन पैसो का उपयोग कल्याणकारी योजनाओं में लगाया जा सकता है।
सरकारी योजना List 2022 प्रधानमंत्री सरकारी योजना 2022

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