पशु भी किसान की आय के मुख्य स्रोत होते हैं तभी तो इन्हे पशुधन कहा जाता है। किसान अपने किसी भी पशु जिस से की किसान को आर्थिक लाभ प्राप्त हो रहा हो तथा उसकी जीविका का साधन हो का बीमा करवा सकता है ताकि भविष्य में अगर उसके पशु को कोई बीमारी या जंगली जानवरो के द्वारा या अन्य किसी प्रकार से कोई हानि पंहुचती है या उसकी मौत हो जाती है तो बीमे की रकम से किसान की आजीविका चलती रहे। किसान अपनी फसलों का तो बीमा करवा लेते हैं लेकिन अपने पशुओं का बीमा करवाना भूल जाते हैं जिनकी कीमत हजारों में होती है अगर गाय या भैंस दुधारु है तो फिर कीमत लाखों में भी हो सकती है। ऐसे में किसान को बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है। इसी को ध्यान में रखकर केंद्र सरकार ने किसानो और पशुपालको लिए पशुधन बीमा योजना की शुरुआत की है
Pashudhan Bima Yojana 2023 का उद्देश्य पशुधन बीमा योजना के लाभ
इस योजना का मुख्य उद्देश्य पशुओं को बीमा कवर प्रदान करना है ताकि पशुपालको या किसानो के पशुओ की अगर किन्ही कारणों से मृत्यु हो जाती है तो उनको बीमे की राशि प्रदान की जायग। इस योजना के माध्यम से पशुपालकों और किसानो को आर्थिक नुकसान से बचाया जा सकेगा। Pashudhan Bima Yojana की एक खास बात यह भी है कि इस योजना के अंतर्गत एक बार प्रीमियम का भुगतान करने पर 3 साल की अवधि के लिए इंश्योरेंस कवर प्रदान किया जाता है। दूध व्यवसाय किसानो तथा पशुपालको का आय का मुख्य श्रोत हैं. इस बीच लंपी वायरस ने भारत के कई राज्यों में पशुपालकों की कमर तोड़ दी है. वायरस से बड़ी संख्या के गायों की मौते हुई हैं और पशुपालकों की कमाई पर बेहद बुरा असर पड़ा है. गायों का बीमा नहीं होने की वजह से उन्हें पशुपालकों को बड़ा नुकसान झेलना पड़ रहा है ।
पशुधन बीमा के लिए आवेदन कैसे करे How To Apply For Pashudhan Bima Yojana 2023
जो किसान भाई अपने पशु का बीमा करवाना चाहते हैं तो सबसे पहले अपने नजदीकी पशु अस्पताल में बीमा की जानकारी देनी होगी उसके बाद पशुचिकित्सक और बीमा एजेंट पशुपालक के घर आकर पशु के स्वास्थ्य की जांच करेंगे। जिस से की पशु के स्वास्थ्य का पता चलता है और उस पशु की कीमत लगाई जाती है। जांच होने के बाद पशु चिकित्सक के द्वारा एक स्वास्थ्य प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। बीमा एजेंट जांच होने के बाद पशु के कान में एक टैग लगाता फिर किसान और पशु की एक साथ फोटो ली जाती है। उसके बाद बीमा पालिसी जारी कर दी जाती है। अगर किसान का पशु खो जाता है तो किसान को बिमा कंपनी को सूचित करना होगा या अगर जानवर का टैग कंही गिर जाता है तो इस स्थिति में भी बिमा कम्पनी को सूचित करके नया टैग लगवाना पड़ेगा।
पशु धन बीमा योजना के लाभ कैसे प्राप्त करें
पशुपालको को बीमा कंपनी को पशु की मौत के 24 घंटे के भीतर सूचित करना होगा। पशुपालन विभाग के डॉक्टर पशुओं के शव का परीक्षण करेंगे जिस से मौत के कारणो का पता चलेगा और फिर एक रिपोर्ट तैयार करेंगे जिसमे की पशु की मौत का कारण भी लिखा होगा। इसके बाद पशु चिकित्शा अधिकारी अपनी रिपोर्ट बिमा कम्पनी को भेजते है। अधिकारीयो को 1 महीने की अवधि के भीतर बीमा कंपनी को दावा प्रस्तुत करना होता है जिस से बीमा कंपनी पशुधन बीमा योजना के लाभार्थियों को बीमे की रकम दी जाती है । बीमा कंपनी को दावा 15 दिनों में निपटाना अति आवश्यक है जिस से पशु पालक को आसानी और जल्दी से बिमा की राशि प्राप्त हो जाये।
किन परिस्थितियों में बिमा का लाभ मिलेगा
- प्रकृतिक आपदा जैसे बाढ़, चक्रवात, अकाल भूकंप आदि
- पशु को करंट लगने की स्थिति में
- नहर में डूबने की स्थिति में
- आग लगने की स्थिति में
- वाहन से टकराने या दुर्घटना की स्थिति में
- किसी भी कारण दुर्घटना की स्थिति में मौत
- जंगली जानवर द्वारा हमले में मौत
- बीमारियों जैसे की रिंडरपेस्ट, ब्लैक क्वार्टर, हैमोरैजिक सैप्टिसिमीया, पैर और मुंह रोग
- सर्जिकल ऑपरेशन
- हड़ताल, दंगा और फसाद
- आतंकवादी कार्यवाई
किन परिस्थितियों में बीमा का लाभ नहीं मिलेगा
- दुर्भावनापूर्ण या जानबूझकर पशु को पंहुचाए गए नुकसान की स्थिति में
- लापरवाही की स्थिति में
- भारी लदान या छमता से अधिक कार्य करवाने की स्थिति में
- बिमा कंपनी की सहमति के बिना पॉलिसी में बताये गए जानवरों का किसी अन्य काम में उपयोग करना
- पशु की जानबूझकर हत्या, ऐसे मामलों को छोड़कर जिसमे पशुचिकित्सा द्वारा पशु की मृत्यु को आवश्य्क बताया गया हो लेकिन साथ में पशु चिकित्सक के द्वारा जारी प्रमाण आवश्यक है।
- हवा या समुद्र के द्वारा पशु का परिवहन
- सड़क या रेल द्वारा, 80 किमी से अधिक का की गति से परिवहन
- चोरी या बिना बिमा कम्पनी को बताये पशु की बिक्री करना।
- पॉलिसी की शुरुआत से 15 दिनों में बीमारियों के कारण जानवर की मृत्यु
- बिना टैग के कोई भी पशु पालक कोई दावा नहीं कर सकता।
बीमा की अवधि में स्वामित्व में परिवर्तन की स्थिति में
अगर कोई पशुपालक बीमा की वैधता अवधि के दौरान पशु की बिक्री या अन्य दूसरे प्रकार का हस्तांतरण करता है तो इस स्थिति में बीमा पॉलिसी की शेष अवधि का लाभ नये स्वामी को हस्तांतरित किया जाएगा। पशुधन नीति के ढंग तथा शुल्क एवं हस्तांतरण हेतु आवश्यक विक्रय-पत्र आदि का निर्णय बीमा कंपनी के साथ अनुबंध के समय ही कर लिया जाता है ताकि किसान हो अपने पशु को बेचने में कोई भी परेशानी न हो और पशु के बीमा पर भी किसी प्रकार से कोई प्रभाव न पड़े।
Highlights Of Pashudhan Bima Yojana 2023
योजना का नाम | पशुधन बीमा योजना |
किस ने लांच की | केंद्र और राज्य सरकार के साझा सहयोग से |
लाभार्थी | पशुपालक व किसान |
उद्देश्य | पशुओं को बीमा कवर प्रदान करना |
आधिकारिक वेबसाइट | https://dahd.nic.in/ |
वर्ष | 2022 |
किन किन जानवरो का होता है बीमा
केंद्र और राज्य सरकार के साझा सहयोग से पशुधन बीमा योजना चलाई जा रही है जिस से की पशुपालक या किसान को बहुत लाभ मिल रहा है। इसमें कोई भी किसान या पशुपालक अपने पशुओं का बीमा करवा सकता है. इस योजना में गाय, भैंस, घोड़ा, ऊंट, गधा, खच्चर, बैल, भेड़, बकरी, खरगोश, सूअर का बीमा किया जाता है।
पशुधन बीमा योजना में आवेदन करने के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज
- जाति प्रमाण पत्र
- पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ
- मोबाइल नंबर
- बैंक खाता विवरण
- किसान का आधार कार्ड
- राशन कार्ड
- निवास का प्रमाण
- आय प्रमाण पत्र
पशुधन बीमा योजना मुआवजा की राशि
पशु | बीमा राशि |
भैंस | 88000 |
गाय | 80000 |
घोड़ा | 40000 |
भेड़ | 5000 |
बकरी | 5000 |
सूअर | 5000 |
पशुधन बीमा योजना प्रीमियम राशि
पशु | प्रीमियम राशि |
गाय | 100 |
भैंस | 100 |
बैल | 100 |
ऊंट | 100 |
भेड़ | 25 |
बकरी | 25 |
सूअर | 25 |
पशुधन बीमा योजना की पात्रता
पशुधन बीमा योजना योजना का लाभ लेने के लिए इसकी पात्रता जानना अति आवश्य्क है इसके लिए पशुपालक का भारत का स्थाई निवासी होना अनिवार्य है। तथा किसान के पास दुधारू तथा मांस उत्पादन करने वाले पशु जैसे कि भैंस, बकरी, भेड़, ऊट आदि जानवर होना आवश्य्क है ये सभी जानवर इस योजना के अंतर्गत आते है अगर किसान ने अपने पशु का बीमा किसी दूसरी बीमा योजना के अंतर्गत बीमा कवर करवाता है तो वह इस योजना का लाभ नहीं उठा सकता।