वन रैंक वन पेंशन 2021 | One Rank One Pension Yojana 2021 | OROP 2021
आर्मी से रिटायर हो चुके सैनिकों को लाभ पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा वन रैंक वन पेंशन (OROP) नामक योजना को शुरू किया गया है। जो भी सैनिक बहुत पहले रिटायर हुए हैं और जो अब रिटायर होंगे, सबको वन रैंक वन पेंशन योजना के तहत रिटायरमेंट भत्ता मिला करेगा। इसके अतिरिक्त पुरस्कार पाने वाले पेंशनरों को बकाया राशि एक किस्त में ही दे दी जाएगी।
वन रैंक वन पेंशन (OROP) योजना के तहत 2006 से पहले रिटायर हो चुके आर्मी सैनिकों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी सभी रिटायर हो चुके सैनिकों को एक ही श्रेणी की पेंशन उपलब्ध करवाई जाएगी, इसका मतलब यह है कि रिटायर होने वाले अफसरों को एक जैसी ही पेंशन मिलेगी; यानी 1982 में रिटायर हुए कर्नल को आज रिटायर हुए कर्नल के बराबर ही पेंशन मिलेगी। पेंशन देते वक्त किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाएगा।
वन रैंक वन पेंशन योजना 2021 का उद्देश्य | One Rank One Pension Yojana 2021: Objectives
पहले आर्मी में यह होता था कि जो बड़ी पोस्ट वाले अफसर रिटायर होते थे, उन्हें दूसरों के मुकाबले ज्यादा रिटायरमेंट राशि दी जाती थी। परंतु इस चीज का बहुत बार विरोध किया गया है। इसलिए इस बात को मद्देनजर रखते हुए वन रैंक वन पेंशन योजना (OROP) को शुरू किया गया। अभी रिटायर हो चुके सैनिकों को एक जैसी पेंशन मिले और उनमें किसी प्रकार का भेदभाव ना हो और बराबर की पेंशन प्राप्त करके अपनी जिंदगी को अच्छे से जी पाए; यही वन रैंक वन पेंशन योजना का उद्देश्य है।
वन रैंक वन पेंशन (OROP) योजना का बजट
- 2011 में रक्षा मंत्रालय के मुताबिक 3000 करोड़ रुपए का सालाना खर्च इस योजना में आएगा।
- 2014 के रक्षा मंत्रालय के अनुसारइस योजना के तहत सालाना खर्च 9300 करोड़ होगा।
- 2015 की रक्षा राज्य मंत्री के मुताबिक 2015 में सालाना खर्च 7500 से 10,000 करोड़ होगा।
- यदि 2020 की बात करें तो अनुमानित खर्चा 10,900 करोड रुपए तक हो सकता है।
- रक्षा बजट के अनुसार बजट में 20% की बढ़ोतरी की गई है।
वन रैंक वन पेंशन योजना 2021 के लाभ | One Rank One Pension Yojana 2021: Benefits
- सभी सैनिकों को एक जैसी रिटायरमेंट पेंशन प्राप्त होगी।
- जो भी सैनिक बहुत पहले रिटायर हुए हैं और जो अब रिटायर हुए हैं सबको एक जैसा ही लाभ प्राप्त होगा।
- जो सैनिक रिटायर हो चुके हैं, उन्हें एरियर भी प्राप्त होगा।
- इस योजना के तहत लगभग 14 लाख सैनिकों और अफसरों को लाभ प्रदान किया जाएगा।
- खासतौर पर उन रिटायर हुए सैनिकों को लाभ पहुंचाया जाएगा, जो 2006 से पहले रिटायर हुए हैं।
- इस योजना के तहत बकाया राशि एक ही बार में मिल जाया करेगी।
- इस योजना के तहत कुल खर्च का 86% लाभ खाते में डाला जाएगा।
- इस योजना के अंतर्गत बकाया राशि का भुगतान और पेंशन में संशोधन पेंशन का वितरण अधिकारियों द्वारा चार किस्तों में प्रदान की जाएगी, लेकिन पारिवारिक पेंशनरों और वीरता पुरस्कार पाने वाले पेंशनरों को बकाया राशि एक ही किस्त में दे दी जाएगी।
वन रैंक वन पेंशन (OROP) योजना के तहत जारी किए गए कुछ नियम
- जो सैनिक अपनी मर्जी से रिटायर हुए हैं, उन्हें इस योजना के तहत किसी प्रकार का लाभ प्राप्त नहीं होगा।
- सैनिकों की विधवाओं को 4 छिमाहीकिस्तें प्रदान की जाएंगी।
- बकाया राशि का भुगतान एक ही बार में कर दिया जाएगा और एक ही बार में बकाया राशि का भुगतान उन्हीं सैनिकों को मिलेगा जिन को वीरता पुरस्कार मिले हैं।
- पारिवारिक पेंशनरों को भी बकाया राशि का भुगतान एक बार में ही कर दिया जाएगा।
वन रैंक वन पेंशन (OROP) योजना का ऑनलाइन टेबल
- आधिकारिक वेबसाइट http://www.desw.gov.in/orop पर जाकर सैनिक रिटायर्ड सैनिक पेंशनरों की लिस्ट देख सकते हैं / लिस्ट या टेबल देखने के लिए रिटायर्ड सैनिकों को आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
- आधिकारिक वेबसाइट पर जाने के पश्चात होम पेज पर ही वन रैंक वन पेंशन (OROP) के तहत सारी जानकारी मिल जाएगी अथवा पेंशन टेबल देखने की सुविधा भी प्राप्त हो जाएगी, जहां से रिटायर्ड सैनिकों को पेंशन की सारी जानकारी मिल जाएगी।
देश में काफी देर से वन रैंक वन पेंशन (OROP) के लिए बातें चल रही थी परंतु इस को एक सार्थक रूप नहीं मिल रहा था। जिस वजह से सैनिकों और अफसरों के बीच पेंशन को लेकर भेदभाव की बात कही जाती थी; परंतु अब इस योजना को लागू करके सभी को एक जैसी पेंशन उपलब्ध करवाकर केंद्र सरकार ने काफी अच्छी पहल की है क्योंकि सभी सैनिकों को एक जैसा सम्मान मिलना बहुत जरूरी है।
सभी सैनिक देश के लिए सरहद पर डटे होते हैं और जब वह रिटायर होते हैं, तो उन्हें जो आर्थिक सहायता पेंशन के रूप में प्राप्त होती है। उस आर्थिक सहायता का इस्तेमाल करके अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं। एक जैसी पेंशन मिलने से रिटायर्ड सैनिकों के आत्मविश्वास को भी बल मिलता है।
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