हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा 6 मार्च 2020 को बजट पेश किया गया। इसमें बच्चो की कुपोषण को जड़ से खत्म करने के लिए सरकर ने आंगनबाड़ी में मिलने वाले पोषाहार को और पौष्टिक बनाने के लिए “बाल पोषाहार टॉप अप योजना” को मंजूरी दी है। हमारे देश मे कुपोषित बच्चों की स्थिति दयनीय है। भारत के 50% बच्चे कुपोषित हैं। 2017 में देश में कम वजन के बच्चों की संख्या 32.7% थी, जबकि जिन बच्चों का विकास नहीं हो पा रहा है, उनकी संख्या 39.3% और जल्दी थक जाने वाले बच्चों की संख्या 15.7% थी। इन आंकड़ों से कुपोषित बच्चों की विकराल स्थिति को समझा जा सकता है।
वर्तमान समय में बच्चों को केवल आहार उपलब्ध कराना ही प्राथमिकता नहीं है, बल्कि उन्हें पौष्टिक आहार उपलब्ध कराना राष्ट्र की प्राथमिकता होनी चाहिए। आंगनवाड़ी पोषाहार के माध्यम से बच्चों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। समेकित बाल विकास के बाल पोषाहार के माध्यम से भारत में 41% बच्चों का कवरेज किया गया है, जबकि हिमाचल प्रदेश की स्थिति औसत से थोड़ी अच्छी 52.4% है और इस मामले में हिमाचल प्रदेश भारत में 16वें स्थान पर है। ऐसी स्थिति में राज्य में बच्चों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराना बेहद आवश्यक कार्य था। हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा बाल पोषाहार टॉप अप योजना के द्वारा इन्ही समस्याओं को दूर करने का एक सार्थक प्रयास है।
बाल पोषाहार टॉप अप योजना 2020 हिमाचाल प्रदेश सरकार की बच्चो के लिए बहुत ही उपयोगी और दूरदर्शी योजनाओं में से एक है। अभी तक सरकार आंगनवाड़ी पोषाहार के माध्यम से बच्चों को आहार उपलब्ध करा ही रही थी। लेकिन हिमाचल प्रदेश सरकार ने इसमें पौष्टिक आहार का टॉप अप डालकर इसे और उपयोगी बना दिया है। इस योजना के तहत 30 करोड़ ₹ की लागत से बाल पोषाहार योजना के अंतर्गत आंगनवाड़ी में मिलने वाली पोषाहार के अलावा बच्चो को अतिरिक्त पौष्टिक आहार उपलब्ध कराया जायेगा। ताकि कुपोषण की समस्या को समाज से जड़ से मिटाया जा सके।
बाल पोषाहार टॉप अप योजना एक नजर में :
योजना का नाम | बाल पोषाहार टॉप अप योजना |
राज्य का नाम | हिमाचल प्रदेश |
मुख्यमंत्री | श्री जयराम ठाकुर |
लागत मूल्य | 30 करोड़ (2021 – 22) |
लाभान्वित | हिमाचल प्रदेश के आंगनवाड़ी के बच्चे |
उद्देश्य | कुपोषण को जड़ से हटाना। |
हिमाचल प्रदेश बाल पोषाहार टॉप अप योजना 2022 का लाभ (Himachal Pradesh Bal Poshan Topup Yojana 2022: Benefits)
इस योजना के तहत हिमाचल प्रदेश के उन गरीब बच्चों को लाभ मिलेगा जिन्हें पौष्टिक आहार गरीबी के कारण उनके माता-पिता उपलब्ध नहीं करवा पाते और बच्चा कुपोषण का शिकार हो जाता है। जब बच्चे स्वस्थ्य रहेंगे तो युवा स्वस्थ्य रहेगा और जिस राज्य का युवा स्वस्थ्य रहेगा वह राज्य प्रगति के पथ पर सदैव आगे की ओर बढ़ेगा। स्वस्थ्य बच्चे ही एक स्वस्थ्य समाज का निर्माण करता है। अतः इस योजना से समाज के सर्वांगीण विकास होगा। इस योजना का लाभ सिर्फ उन्ही बच्चो को मिलेगा जो आंगनवाड़ी केन्द्रों से संबद्ध है। उन बच्चों को सप्ताह में कम से कम एक दिन पौष्टिक आहार जैसे दूध, स्थानीय फल आदि उपलब्ध कराया जायेगा। इसके लिए राज्य सरकार ने 2022-23 बजट में 30 करोड़ ₹ की व्यवस्था किया है।
हिमाचल प्रदेश बाल पोषाहार टॉप अप योजना 2022 का उद्देश्य (Himachal Pradesh Bal Poshan Topup Yojana 2022: Objectives)
हिमाचल प्रदेश बाल पोषाहार टॉप अप योजना का प्रमुख उद्देश्य बच्चो की कुपोषण को जड़ से समाप्त करना है। इस योजना का उद्देश्य राज्य के सभी बच्चो के लिए पौष्टिक आहार उपलब्ध करवाना है। जो बच्चे गरीबी के कारण पौष्टिक आहार से वंचित रह जाते हैं। जिन्हें दूध, फल आदि नही मिल पाता, उन्हें इस योजना के माध्यम से पौष्टिक आहार उपलब्ध कराना है।