गोधन न्याय योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ सरकार पशुपालकों से 2₹/Kg के दर से गोबर लेगी। और इसका उपयोग जैविक खाद और वर्मीकम्पोस्ट बनाने में करेगी। इस योजना को स्थानीय त्यौहार हरेगी के अवसर पर रायपुर से शरुआत की गई। यह त्यौहार कृषिगत कार्य के शुरुआत के लिए मनाया जाता है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया किस योजना के तहत किसान करीब 12,000₹ सालाना कमा सकेंगे, जो केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत मिलने वाली राशि का दुगना है।
जैसा कि हम सब को पता है कि भारत विश्व की सबसे बड़ा पशुधन वाला देश है। हमारी परंपराएं रही है कि हमलोग पशुओं को अपने जीवन का एक हिस्सा मानते हैं। सदियों से भारतीय लोगो और पशुओं का सहसम्बन्ध रहा है। हम तो गाय को माता का दर्जा देते हैं। इसतरह पशुओं के लिए चारा-पानी की व्यवस्था करना पशुपालकों के लिए एक बड़ी समस्या होती है। ऐसे में गोधन न्याय योजना ऐसे पशुपालकों के लिए निश्चित रूप से बहुत लाभदायक होगी। साथ ही पशुओं का गोबर को रखने और उनका डिस्पोजल एक बड़ी समस्या उन पशुपालकों के लिए थी, यह योजना उस समस्या का भी निदान करता है। पहले लोग नाली में या सड़क किनारे गोबर को फेंक देते थे। इसकारण नालियों का जाम होना भी एक समस्या था।
गोधन न्याय योजना छत्तीसगढ़ 2022 का उद्देश्य (Godhan Nyay Yojana Chhattisgarh 2022: Objectives)
इस योजना का मुख्य उद्देश्य पशुओं की सुरक्षा और पशुपलकों को रोजगार के साथ-साथ उनकी आमदनी भी बढ़ाना है। इस योजना का उद्देश्य पशुपालकों में पशुपालन में आने वाली कई प्रकार की कठिनाइयों और परेशानियों के कारण जो निरसता आ गई थी इस योजना द्वारा उनमें फिर से पशुपालन के प्रति रूचि जगाना है।
गोधन न्याय योजना छत्तीसगढ़ 2022 पशुपालकों और किसानों को होने वाले लाभ (Godhan Nyay Yojana Chhattisgarh 2022: Benefites)
गोधन न्याय योजना से पशुपालकों और किसानो को निम्नलिखित लाभ होगा।
- इस योजना से स्थानीय लोगों को और किसानों को रोजगार उपलब्ध होगा।
- पशुओं की अच्छी देखभाल सम्भव हो सकेगी। क्योंकि इसके गोबर बेचकर कमाई की जा सकती है, जो पशुपालकों के लिए अतिरिक्त आय होगी।
- इस योजना से पशुओं को खेतों पर जाने से भी लगाम लगेगी, क्योंकि खेतों पर पशुओं के जाने से और उनके द्वारा फसलों को चरने से नुकसान होता था अतः खेतो के नुकसान में कमी आयेगी।
- इस योजना से गोशालाओं में बड़े पैमाने पर जैविक खाद एवं वर्मीकम्पोस्ट का उत्पादन होगा। जिससे खेतो में उपयोग होने वाली रासायनिक खाद में कमी आयेगी।
- इस तरह अभी तक पशुपालकों एक बड़ी समस्या गोबरो के निपटान से थी। शहरो में तो यह समस्या और विकट थी। अब इससे निजात पाने के साथ-साथ आमदनी भी होने लगी।
- इन गोबरो से स्वयं सहायता समूह की महिलाएँ वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाती हैं। अतः उन्हें भी रोजगार उपलब्ध हुए इस योजना के मध्यम से।
इस प्रकार छत्तीसगढ़ काँग्रेस सरकार द्वारा शुरू की गई गोधन न्याय योजना पशुपालकों और किसानों के लिए बहुत राहत पहुंचाएगी। शहरी पशुपालकों के लिए यह योजना खासकर लाभदायक साबित होगी, क्योंकि अभी तक शहरो में कम भूमि उपलब्धता और जमीन महँगी होने के कारण पशुओं का गोबर का निपटान उनके लिए बहुत बड़ी समस्या थी। ऐसे में इस योजना द्वारा गोबर के निपटारे के साथ-साथ उन गोबर से आमदनी होने से शहरी पशुपालक को काफी फायदा होगा।
सरकार ने गोधन न्याय योजना के लाभ के लिए किसानों और पशुपालकों का रजिस्ट्रेशन करने का निर्देश कमिश्नरों को दिया है। इस योजना के लिये पंजीकृत किसानों और पशुपालकों को ही इसके अंतर्गत न्याय मिलेगा। इसके लिए वर्मी टैंक बनाने के कार्य में तेजी लाने का निर्देश भी कमिश्नरों को दिया गया है। सभी जॉन के कमिश्नरों को प्रतिदिन गोबर की खरीदी और भुगतान को नियमित करने का निर्देश दिया गया है।
पशुओं का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं दी गई है।