लिवेबिलिटी इंडेक्स प्रोग्राम 2021 | Global Liveability Index 2021

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    Global Liveability Index Program
    Global Liveability Index Program

    लिवेबिलिटी इंडेक्स प्रोग्राम 2021 (Global Liveability Index 2021)

    देश के शहरों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए अथवा उनके जीवन जीवन शैली में तब्दीली लाने के लिए आवास और शहरी कार्य मंत्रालय के द्वारा लिवेबिलिटी इंडेक्स प्रोग्राम की शुरुआत की गई। इस प्रोग्राम के तहत शहरी लोगों की आजीविका को अधिक पुष्ट बनाने तथा अन्य तत्वों निर्धारित मानकों और स्थिति का आकलन करके एक रिपोर्ट तैयार की जाती है।

    सन 2019 में भारत देश के शहरों के विकास दर को मापने और विकास की जांच करने के लिए लिवेबिलिटी इंडेक्स प्रोग्राम की सहायता ली जाती है। इस प्रोग्राम के अनुसार सारे मापदंडों को केंद्रित करके रिपोर्ट बनाई जाती है, इसी रिपोर्ट के आधार पर शहर की रेटिंग सुनिश्यित होती है।

    लिवेबिलिटी इंडेक्स प्रोग्राम 2021 का उद्देश्य (Global Liveability Index Program 2021: Objectives)

    लिवेबिलिटी इंडेक्स प्रोग्राम का प्राथमिक उद्देश्य है कि देश के अंदर मौजूदा स्थिति का आकलन करके विकास दर के लिए प्रयत्न किए जा सके। यह तभी संभव है; जब देश के सभी शहरों के अंदर क्या हालात हैं, लोग किस प्रकार जीवन जी रहे हैं, इसका पता लगाया जा सके। इन सब चीजों का पता लगाने के बाद रिपोर्ट तैयार की जाएगी और उसी रिपोर्ट के माध्यम से शहरों की स्थिति का जायजा लिया जाएगा और विकास दर को सुनिश्चित किया जाएगा।

    लोगों को बेहतर जीवन प्रदान करने के लिय, देश के अंदर शहरों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बना कर विश्व स्तर पर देश की छवि को अच्छा बनाने के लिए लिवेबिलिटी इंडेक्स प्रोग्राम की शुरुआत देश के अंदर की गई।

    इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट के अंतर्गत किसी विशेष देश या शहर को निम्नलिखित पंक्तियों के आधार पर रैंकिंग प्रदान की जाती है जोकि लिवेबिलिटी इंडेक्स प्रोग्राम के तहत ही इन सारे देशों को इन श्रेणियों के आधार पर ही रैंकिंग प्रदान की जाती है। इन श्रेणियों का वर्णन निम्नलिखित प्रकार है:-

    लिवेबिलिटी इंडेक्स प्रोग्राम 2021 की स्थिरता (Global Liveability Index Program 2021: Stability)

    देश के शहरों में विकास की स्थिरता क्या है, लोग किस प्रकार स्थिरता में रहकर काम कर रहे हैं, विकास दर के साथ-साथ जलवायु, तापमान आदि में कितनी स्थिरता होती है; इसी बात के मद्देनजर देश की रिपोर्ट तैयार की जाती है।

    लिवेबिलिटी इंडेक्स प्रोग्राम 2021 संस्कृति एवं पर्यावरण (Global Liveability Index Program 2021: Culture and Environment)

    देश की संस्कृति, लोगों का कल्चर, परंपराएं अथवा पर्यावरण से संबंधित सारी जानकारियां; इसके अतिरिक्त पर्यावरण की स्वच्छता, लोगों को पर्यावरण के बारे में कितनी जानकारी है, पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए लोग किस प्रकार काम करते हैं अथवा लोग पर्यावरण के लिए कितने जागरूक है और शहर में लोगों की पर्यावरण के ऊपर जागरूकता का भी अध्ययन किया जाता है। इसके बाद ही किसी देश की लिवेबिलिटी इंडेक्स प्रोग्राम के तहत रिपोर्ट तैयार की जाती है।

    लिवेबिलिटी इंडेक्स प्रोग्राम 2021 स्वास्थ्य देखभाल (Global Liveability Index Program 2021: Healthcare)

    देश में स्वास्थ्य संबंधी किस प्रकार की सुविधाएं दी जा रही है, लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति कितने जागरूक हैं, उनमें कितनी ज्यादा जागरूकता है। देश के नुमाइंदे लोगों तक स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता फैलाने के लिए कितने तत्पर हैं, किसी देश में दवाइयों के ऊपर क्या संशोधन किए जा रहे हैं, देश में रहने वाले लोगों का स्वास्थ्य संबंधी क्या रवैया है, लोगों का खान-पान किस प्रकार का है, कितने अच्छे तरीके से वह अपने स्वास्थ्य का ध्यान रख रहे हैं। इसका अध्ययन भी लिवेबिलिटी इंडेक्स प्रोग्राम के अंतर्गत किया जाता है। स्वास्थ्य संबंधी सारे मूल्यांकन करने के पश्चात प्रत्येक देश की रिपोर्ट तैयार की जाती है।

    लिवेबिलिटी इंडेक्स प्रोग्राम 2021 शिक्षा (Global Liveability Index Program 2021: Education)

    किसी देश की रैंकिंग तभी अच्छी होती है, जब उस देश में रहने वाले लोग ज्यादा से ज्यादा शिक्षित हो। देश में साक्षरता दर ज्यादा हो, उसी आधार पर रैंकिंग निश्चित की जाती है। किसी देश के अंदर शिक्षा के किस प्रकार के प्रबंध किए गए हैं, बच्चे एवं युवक शिक्षा के माध्यम से जुड़कर कितने जागरूक हो पाए हैं अथवा देश के अंदर महिलाओं की साक्षरता दर भी मायने रखती है। शिक्षा संस्थानों की हालत, विद्यार्थियों के लिए बनाई जाने वाली शिक्षा योजनाएं। यह सारी बातें रैंकिंग के लिए मायने रखती है। शिक्षा संबंधी जानकारी प्राप्त करने के पश्चात रिपोर्ट में शिक्षा के स्तर की जानकारी लिखी जाती है।

    Global Liveability Index Program 2021
    Global Liveability Index Program 2021
    Global Liveability Index Program 2021
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    लिवेबिलिटी इंडेक्स प्रोग्राम 2021 आधारभूत अवसंरचना (Global Liveability Index Program 2021: Infrastructure)

    किसी देश के अंदर स्टेबिलिटी, वहां का पर्यावरण, वहां पर स्वास्थ्य संबंधी, शिक्षा के बारे में सारा अध्ययन तथा देश के अंदर जितने भी सेक्टर हैं, उन सब सेक्टर को किस इंफ्रास्ट्रक्चर के तहत संभाला जा रहा है। इंफ्रास्ट्रक्चर को ध्यान में रखते हुए कानून का पालन करते हुए इंडस्ट्रीज, संस्थान, बड़े छोटे बिजनेस चलाए जा रहे हैं, कानून की क्या व्यवस्था है, इस की भी एक रिपोर्ट तैयार की जाती है।

    इन पांचों तत्वों के अतिरिक्त किसी शहर में प्रमुख कारकों को सभी कार्यों सहन करने योग्य, सुविधाजनक या असहनीय के रूप में भी मूल्यांकन किया जाता है और इसी मूल्यांकन के तहत रिपोर्ट में किसी देश / किसी शहर की नेगेटिव / पॉजिटिव रैंकिंग सुनिश्चित की जाती है।

    शहरी मामलों के मंत्रालय ने शहर के लिए लिवेबिलिटी इंडेक्स कार्यक्रम शुरू करने के बाद 116 भारतीय शहरों में लाइव क्षमता मानकों का आंकलन किया, इस प्रोग्राम के तहत केंद्र सरकार द्वारा देश के अंदर घोषित की गई 99 स्मार्ट सिटी और 1 मिलियन से अधिक आबादी वाले कुछ शहरों को शामिल करके उन शहरों की लिवेबिलिटी इंडेक्स प्रोग्राम के अंतर्गत जांच की गई।

    लिवेबिलिटी इंडेक्स प्रोग्राम के तहत शहरों के विकास दर को मूल्यांकन करने के लिए कई मापदंड निर्धारित किए गए। उन पैरामीटर का वर्णन निम्नलिखित प्रकार है:-

    • मुख्य रूप सेशहरों के विभिन्न सामाजिक, आर्थिक और भौतिक पहलुओं की जांच करके एक डिजाइन तैयार किया गया।
    • इसके अतिरिक्त इन श्रेणियों में सड़कों की गुणवत्ता, यातायात के प्रबंधन को भी ध्यान में रखते हुए शहरों की रिपोर्ट तैयार की गई।
    • लिवेबिलिटी इंडेक्स प्रोग्राम के तहत बनाई गई रिपोर्ट में देश के शहरों में नौकरी के क्या अवसर है, शिकायतों के लिए किस प्रकार समाधान किया जाता है, प्रदूषण का स्तर आदि भी शामिल किए गए।

     सिटी लिवेबिलिटी इंडेक्स प्रोग्राम

    • हर प्रकार का शहरी डाटा जब रिपोर्ट में शामिल किया जाता है, तो उस रिपोर्ट के सारे पहलुओं का मूल्यांकन करने के पश्चात शहर की बाकी शहरों की तुलना में क्या स्थिति है, इसकी जांच की जाती है। सारी जांच होने के पश्चात जिन शहरों में विकास दर बहुत कम है, उन शहरों को केंद्र सरकार द्वारा सहायता प्रदान की जाती है। इसके अतिरिक्त यह भी पता चल जाता है, कितने शहर है जहां पर विकास दर धीमी चाल में चल रही है और वहां पर केंद्र सरकार का हस्तक्षेप करना आवश्यक है।
    • मूल्यांकन से पता चल जाता है कि शहरों के किस सेक्टर में ज्यादा सहायता की आवश्यकता है, उदाहरण के तौर पर यदि किसी शहर में शिक्षा का स्तर ठीक नहीं है, तो उस शहर में शिक्षा के स्तर को सही करने के लिए सरकार द्वारा प्रयत्न किए जाएंगे।
    • यदि किसी शहर में स्वास्थ्य संबंधी अच्छी सुविधाएं नहीं है, तो उस शहर को स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं पहुंचाने के भी प्रयास किए जाएंगे। यह केवल तभी संभव है, जब सिटी लिवेबिलिटी इंडेक्स प्रोग्राम के तहत शहरों की स्थिति का मूल्यांकन किया गया हो।
    • इस रिपोर्ट में ना केवल शहरों की स्थिति का मूल्यांकन किया जाता है, बल्कि नागरिकों और अन्य उपयोगकर्ताओं से भी बातें करके उनकी शिकायतें, उनका इसके बारे में क्या मत है; यह भी रिपोर्ट में दर्ज किया जाता है।
    • नागरिक केंद्र सरकार या फिर देश की सरकार से कितने संतुष्ट हैं, उनकी राय भी रिपोर्ट में दर्ज की जाती है।
    • सरकारी डाटा की मैपिंग के लिए सरकार एक अर्थशास्त्री पोर्टल भी शुरू करने जा रही है, इसके अतिरिक्त केंद्रीय सरकार को मदद मिलेगी और पता चल पाएगा कि आम आदमी को किस प्रकार की योजनाओं की आवश्यकता है।

    इस प्रकार लिवेबिलिटी इंडेक्स कार्यक्रम शहरों की जीवन प्रणाली अथवा वहां की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए अति आवश्यक है और इस लिवेबिलिटी इंडेक्स प्रोग्राम को सभी शहरों में लागू करके शहरों की सारी स्थिति जानने की कोशिश सरकार को अवश्य करनी चाहिए, तभी देश की रैंकिंग में बदलाव होगा और देश अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छी कारगुजारी दिखा पाएगा।

    सरकारी योजना List 2021 प्रधानमंत्री सरकारी योजना 2021

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