इलेक्ट्रॉनिक मैनुफैक्चुरिंग (डिजिटल इंडिया का 7वा स्तम्भ) | Digital India 7th Pillar – Electronics Manufacturing 2022
डिजिटल इंडिया का सातवां स्तम्भ इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग है अर्थात हर प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का निर्माण भारत देश में ही किया जा सके; इसी प्रावधान के मद्देनजर डिजिटल इंडिया का सातवां स्तंभ निर्धारित किया गया है। किसी भी क्षेत्र से संबंधित कई प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का निर्माण देश में ही करने के लिए बड़े बड़े उद्योगों तथा कंपनियों को उत्साहित करने के लिए डिजिटल इंडिया के तहत कई प्रोग्राम निर्धारित किए जाते हैं।
डिजिटल इंडिया के सातवें स्तम्भ के अनुसार देश में इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण को बढ़ावा दिया जाएगा। यह स्तंभ देश के इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण को 2020 तक NET ZERO Imports के लक्ष्य के साथ प्रमोट करने के इरादे से ही निर्धारित किया गया है, ताकि देश के अंदर इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का निर्माण कर के विदेशी उत्पादों के आयात को 0 किया जा सके।
डिजिटल इंडिया 2022: इलेक्ट्रॉनिक मैनुफैक्चुरिंग का उद्देश्य | Digital India 2022: Electronics Manufacturing: Objectives
देश के अंदर आज भी कई ऐसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण हैं जो भारत देश के अंदर निर्मित नहीं किए जाते बल्कि उन्हें भारी देशों से मंगवाना पड़ता है। जिससे एक तो विदेशी मुद्रा में कमी आती है, दूसरा इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के लिए भारत जैसे विकासशील देश को दूसरे देशों पर निर्भर होना पड़ता है। इन दोनों चीजों से बाहर निकल कर देश के अंदर से इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग से विदेशी मुद्रा में भी वृद्धि होगी और दूसरे देशों पर निर्भर होने की आवश्यकता भी नहीं पड़ेगी; साथ ही में इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का आयात भी कम होगा; यही डिजिटल इंडिया के सातवें स्तंभ इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग का मुख्य उद्देश्य है।
डिजिटल इंडिया 2022: इलेक्ट्रॉनिक मैनुफैक्चुरिंग क्लस्टर्स (EMC) योजना | Digital India 2022: Electronics Manufacturing Cluster Yojana
डिजिटल इंडिया के इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग स्तंभ को ध्यान में रखते हुए EMC इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन एंड मैन्युफैक्चरिंग (ESDM) क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने के लिए विश्व स्तरीय बुनियादी ढाँचे के निर्माण के लिए सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना के तहत, ग्रीनफील्ड इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर की स्थापना के लिए रुपये के निवेश के साथ वाणिज्यिक उत्पादन शुरू किया जाएगा, जिसमें 8,221 व्यक्तियों को रोजगार दिया गया है।
डिजिटल इंडिया 2022: इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट फंड | Digital India 2022: Electronics Development Funds
एक सक्रिय इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के लिए सक्रिय उद्योग की भागीदारी के साथ नवाचार, अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) का एक जीवंत पारिस्थितिकी तंत्र बनाना आवश्यक है; इस उद्देश्य के साथ है कि एक इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट फंड (EDF) पेशेवर रूप से प्रबंधित “डॉटर फंड्स” में भाग लेने के लिए एक “फंड ऑफ फंड्स“ के रूप में स्थापित किया गया है, जो इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकियों को विकसित करने वाली कंपनियों को जोखिम पूंजी प्रदान करेगा, ताकि उद्योगों को इलेक्ट्रॉनिक उत्पादन के लिए प्रेरित किया जा सके।
इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य के लिए कई मोर्चों पर समन्वित कार्रवाई की आवश्यकता होती है, ताकि इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग को मजबूती मिल सके। वह महत्वकांक्षी मोर्चे निम्नलिखित प्रकार है:-
- कराधान, प्रोत्साहन
- पैमाने की अर्थव्यवस्थाएं (लागत के नुकसान को खत्म करती हैं)
- फोकस क्षेत्र – बिग टिकट आइटम
- FABS, फैब-कम डिज़ाइन, सेट टॉप बॉक्स, VSAT, मोबाइल्स, उपभोक्ता और चिकित्सा इलेक्ट्रॉनिक्स, स्मार्ट ऊर्जा मीटर, स्मार्ट कार्ड, माइक्रो-एटीएम
- इनक्यूबेटर, क्लस्टर
- कौशल विकास, पीएचडी बढ़ाना
- सरकारी खरीद
- सुरक्षा मानक – अनिवार्य पंजीकरण, लैब्स और एमएसएमई के लिए समर्थन
- राष्ट्रीय पुरस्कार, मार्केटिंग, ब्रांड बिल्डिंग
- राष्ट्रीय केंद्र – लचीले इलेक्ट्रॉनिक्स, सुरक्षा बल
- इलेक्ट्रॉनिक्स में आर एंड डी
इन सभी गतिविधियों पर ध्यान देना तथा इन्हीं मजबूती प्रदान करना आवश्यक है, तभी इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग के लक्ष्य को पाया जा सकता है।
डिजिटल इंडिया 2022: इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के लाभ | Digital India 2022: Electronics Manufacturing benefits
- काफी समय से कई उत्पादों को विदेश से मंगवाया जा रहा है, जिस वजह से विदेशी मुद्रा में बहुत कमी आ गई है।यदि देश में ही इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग शुरू हो जाएगी तो इससे विदेशी मुद्रा में वृद्धि होगी तथा देश की अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेंगे।
- डिजिटल इंडिया के इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग के तहत यदि इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का निर्माण देश के अंदर ही होने लग जाएगा, तोइलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के आयात में भी भारी कमी होगी जिससे देश को ही फायदा है।
- इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग के लक्ष्य के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के आयात को शून्य तक लाना है।
- डिजिटल इंडिया के सातवें स्तंभ के तहत विनिर्माण क्षेत्र में उद्योगों को भी निवेश प्रदान करते हुए साहित्य में इलेक्ट्रॉनिक उत्पादन के निर्माण के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
- डिजिटल इंडिया के इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग के तहत स्टार्टअप बिजनेस के लिए सरकार द्वारा निवेश भी किया जाएगा।
- इससे नौकरी के अवसर भी प्राप्त होंगे, जिससे बेरोजगारी का खात्मा होगा।
एक अनुमान अनुसार इलेक्ट्रॉनिक सामानों की मांग 22% की एक वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) के साथ बढ़ रही है और 2020 तक 400 बिलियन अमरीकी डालर को छूने की उम्मीद है, इसलिए यह आवश्यक है कि देश के अंदर ही इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का निर्माण किया जाए क्योंकि यदि यह उत्पाद बाहरी देशों से खरीदे जाएंगे; तो देश की अर्थव्यवस्था पर दुष्प्रभाव पड़ेंगे, जो पैसा इन उत्पादों को खरीदने में लगाया जाएगा यदि देश के अंदर ही उत्पादों का निर्माण होगा तो उस पैसे को किसी आवश्यक गतिविधि में लगाया जा सकेगा।
डिजिटल इंडिया के तहत इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग के लिए सरकार द्वारा कई पॉलिसिया निर्धारित की गई है। जिन को ध्यान में रखते हुए भी विनिर्माण क्षेत्र में उद्योगों को डिजिटल इंडिया के तहत बढ़ावा दिया जाएगा। भारत सरकार इस क्षेत्र में विनिर्माण और निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठा रही है, ताकि इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग भारत देश के अंदर प्रोत्साहित हो सके।
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