बाजार आश्वासन योजना 2021 | Bazar Aashwasan Yojana 2021 | Market Intervention Price Scheme 2021
बजट में किए गए वादे और किसानों में उपजे असंतोष को शांत करने के लिए सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए नई व्यवस्था “बाजार आश्वासन योजना” की घोषणा करने जा रही है। बाजार आश्वासन योजना के तहत किसानों को उत्पादन लागत पर 50 फीसदी प्रॉफिट मार्जिन उपलब्ध कराया जाएगा। मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में खरीफ फसलों के समर्थन मूल्य को मंजूरी देकर किसानों को लाभ पहुंचाने की कोशिश की जाएगी।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2018-19 के बजट के दौरान इस योजना का प्रस्ताव कैबिनेट में रखा गया है। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का पूरा लाभ मिले, इसी लिए इस योजना को लागू करने की तजवीज रखी गयी है। नीति आयोग के प्रस्ताव के अनुसार बाजार आश्वासन योजना (एमएएस) राज्य सरकारों द्वारा लागू की जाएगी और वह सरकारें स्थानीय परिस्थितियों के आधार पर बाजार में प्रवेश करके फसलों की खरीद करेंगी। इस योजना के अंतर्गत राज्य सरकारें डायरेक्ट फसल नहीं खरीदेंगी बल्कि राज्यों द्वारा अधिकृत निजी एजेंसियों या किसी अन्य निजी एजेंसी के माध्यम से फसल खरीदी जाएगी।
बाजार आश्वासन योजना का उद्देश्य 2021 | Bazar Aashwasan Yojana 2021: Objectives | Market Intervention Price Scheme 2021
बाजार आश्वासन योजना का मुख्य उद्देश्य यह है कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का पूरा लाभ प्राप्त हो पाए और वह और उनकी आमदनी में बढ़ोतरी करने हेतु और उनकी आमदनी में बढ़ोतरी हो पाए। किसानों को उत्पादन लागत पर 50 फ़ीसदी प्रॉफिट मार्जिन उपलब्ध करवाकर किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ही इस योजना को शुरू किया गया है।
बाजार आश्वासन योजना के तहत भेजे गए प्रस्ताव में रखी गयी बातें
- इस प्रस्ताव की पहली बात इसी ओर इशारा करती है कि किसानों को पर लाभ प्रदान करने की योजना बनाई गयी है।
- इस योजना के तहत, यदि बिक्री मूल्य मॉडल कीमत से कम है, तो किसानों को कुछ शर्तों और सीमाओं के साथ एमएसपी और वास्तविक मूल्य के बीच अंतर का मुआवजा दिया जाएगा, यह बात भी प्रस्ताव में दी गयी है।
- नीति आयोग ने एक पारदर्शी ई-मार्केट प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से एमएसपी-सम्बद्ध खरीद के मामले में निजी क्षेत्र की भागीदारी का प्रस्ताव भी रखा है, जिसका मतलब यह है कि फसल खरीद में कुछ शेयर्स निजी एजेंसी के होंगे।
बाजार आश्वासन योजना 2021 के लाभ | Market Intervention Price Scheme 2021: Benefits
- सरकार एक नई व्यवस्था स्थापितकरके यह सुनिश्चित करना चाहती है अन्य फसलों के एमएससी में वृद्धि का लाभ किसानों तक पहुंचाया जा सके।
- इस योजना के तहत किसानों को फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ प्रदान किया जायेगा।
- उत्पादन लागत में होने वाले खर्च का मूल्यांकन करके किसानों को लाभ पहुंचाने के प्रयत्न किये जायेंगे।
- एमएसपी में वृद्धि से किसानों की आमदनी बढ़ेगी और सरकार को राजनीतिक मजबूती भी प्रदान करेगी।
बाजार आश्वासन योजना के तहत की जाने वाली गतिविधियां
- न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए गुणवत्ता विशेषताओं के बारे में किसानों में पैदा की जाएगी।
- विभिन्न उत्पादन अंचलों में कार्यरत खरीद केंद्रों में उपलब्ध सुविधाओं के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार करके इस योजना को प्रफुल्लित किया जायेगा।
- एंएसपी प्रणाली के अंतर्गत किसानों के अधिकार के बारे में जागरूकता पैदा पैदा करके उन्हें इस योजना को अपनाने के लिए तैयार किया जायेगा।
तीन मॉडल जिनके तहत “बाजार आश्वासन योजना” काम करेगी
पहला मॉडल
पहले मॉडल के तहत सभी राज्य जो स्थानीय परिस्थितियों के हिसाब से सार्वजनिक कंपनी या सरकार द्वारा प्राधिकृत किसी निजी कंपनी के जरिए बाजार में खरीद शुरू की जाएगी। इसके तहत खरीद एवं भुगतान राज्य सरकारों की होगी। खरीद के लिए अलग कोष बनाए जायेंगे तथा ढुलाई की सारी व्यवस्था भी की जाएगी। इस योजना के तहत संचालन में यदि कोई नुकसान होता है, तो केंद्र सरकार द्वारा 30-40 प्रतिशत तक की भरपाई की जाएगी।
दूसरा मॉडल
दूसरे मॉडल के तहत यदि बाजार मूल्य एमएसपी से कम हुआ, तो किसानों को इसकी भरपाई के लिए मुआवजा दिया जाएगा, यह आश्वसान सरकार द्वारा दिया जा रहा है।
तीसरा मॉडल
तीसरे मॉडल के तहत मंत्रालय ने एक पारदर्शी ऑनलाइन बाजार प्लेटफॉर्म के जरिए एमएसपी से जुड़ी खरीद प्रक्रिया में निजी क्षेत्रों को शामिल करने का प्रस्ताव किया है, जिसमे किसानों की फसल द्वारा खरीदी जाएगी। किसी कृषि उपज का बाजार मूल्य एमएसपी से नीचे जाने की स्थिति में राज्य सरकार कृषि उत्पादों की खरीद के लिए निविदा के जरिए निजी कंपनियों को प्राधिकृत कर सकती हैं; खरीद करने वाली निजी कंपनियों को इसके लिए कर में छूट तथा कमीशन दिया जाएगा ताकि खेती प्रफुल्लित हो पाए।
मौजूदा सरकार द्वारा इस योजना के तहत कई लाभ प्रदान करने का प्रस्ताव रखा गया है परंतु जब से इस योजना की शुरुआत करने की बात की गई है, तभी से इस योजना का विद्रोह भी किसानों द्वारा किया जा रहा है क्योंकि किसानों को इस योजना के अंदर निजी क्षेत्रों का हस्तक्षेप करना सही नहीं लग रहा, जिस वजह से वह निरंतर विद्रोह कर रहे हैं। यह केंद्र सरकार के लिए भी एक बड़ी चुनौती है यदि केंद्र सरकार इस चुनौती को पार कर लेती है, तभी इस योजना को पूर्ण तौर पर लागू किया जा सकेगा।
अभी भी इस योजना को पूर्ण तौर पर लागू नहीं किया गया है और इस योजना को लागू करने के लिए सरकार केंद्र सरकार किसानों तक पहुंच करने की कोशिश कर रही है ताकि इस योजना को पूरे देश में सभी फसलों पर लागू किया जा सके। जबकि अभी इस योजना को केवल धान, मक्के की फसल पर ही लागू किया गया है।
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