डिजिटल इंडिया का 9वां स्तंभ भविष्य की तैयारी है, जिसे अर्ली हार्वेस्ट कार्यक्रम के नाम से भी जाना जाता है। इस कार्यक्रम के तहत जितनी भी डिजिटल इंडिया की योजनाएं हैं, उन सभी योजनाओं को भविष्य के लिए पूरा किया जाएगा। डिजिटल इंडिया की सभी योजनाओं को ना केवल वर्तमान के लिए लागू किया जाएगा बल्कि भविष्य में भी लोगों को इन योजनाओं का लाभ मिलता रहे, ऐसे प्रयत्न किए जाएंगे।
सभी योजनाओं को जल्दी से पूरा करने के लिए ही नौवें स्तम्भ को निर्धारित किया गया है। नौवां स्तम्भ देश की हर छोटी बड़ी जरूरत कॉलेज / हॉस्पिटल या किसी भी सरकारी कार्यालयों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लाकर लोगों की समस्याओं के हल के लिए समाधान एवं मूल्यांकन पर आधारित है। सारी योजनाओं को पुनर्गठित करके क्षेत्र को डिजिटलाइजेशन के अंतर्गत लाकर लोगों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जोड़ने का प्रस्ताव इस स्तंभ के मद्देनजर रखा गया है, इस स्तंभ के तहत देश में बहुत सारे बदलाव किए भी गए हैं और आगे भी किए जाएंगे।
डिजिटल इंडिया 2022: जल्द परिणाम देने वाले प्रोग्राम का उद्देश्य | Digital India 2022: Early Harvest Programmes : Objectives
इस स्तंभ का उद्देश्य जितनी भी परियोजनाएं चल रही हैं, उन सभी परियोजनाओं को ऑनलाइन पोर्टल पर प्रस्तुत करके लोगों को डिजिटलाइजेशन से जोड़ना अथवा भविष्य में काम आने वाली योजनाओं के बारे में जानकारी जल्द से जल्द प्रदान करना है, इस स्तंभ का मुख्य उद्देश्य है। प्रारंभिक हार्वेस्ट कार्यक्रम मूल रूप से उन परियोजनाओं के होते हैं, जिन्हें लघु समय के भीतर कार्यान्वित / संचालित किया जाता है अतः जिन को लागू करने के लिए बहुत कम समय दिया जाता है।
अर्ली हार्वेस्ट प्रोग्राम के तहत निम्नलिखित परियोजनाएँ निर्धारित की गई है, जिनको ऑनलाइन प्लेटफार्म पर डाला गया है ताकि लोगों को घर बैठे ही सारी जानकारी प्राप्त हो पाए।
संदेशों के लिए आईटी प्लेटफॉर्म
इस स्तंभ के तहत सार्वजानिक संदेशों के लिए आईटी प्लेटफार्म तैयार किये गए हैं, और आगे भी किये जायेंगे। सरकारी, अर्ध सरकारी, गैर सरकारी कार्यलय आईटी प्लेटफार्म का इस्तेमाल करके अपने सन्देश लोगों तक पहुंचा पाएंगे। डिजिटल माध्यम द्वारा MeitY द्वारा एक सामूहिक संदेश अनुप्रयोग विकसित किया गया है, जो चुने हुए प्रतिनिधियों और सभी सरकारी कर्मचारियों को कवर करेगा और सार्वजानिक संदेशों के लिए डिजिटल इंडिया के तहत आईटी प्लेटफार्म उपलभ्द कराएगा। 1.36 करोड़ से अधिक मोबाइल और 22 लाख ईमेल डेटाबेस को इसका हिस्सा बनाया जाएगा। पोर्टल 15 अगस्त, 2014 को जारी कर दिया गया है। डेटा संग्रह और डेटा सैनिटाइजेशन चल रही प्रक्रियाएं हैं, जिनके अनुसार ही आईटी प्लेटफार्म काम करेगा।
सरकार का ई-ग्रीटिंग पोर्टल
ई-ग्रीटिंग टेम्प्लेट की एक सुविधा डिजिटल इंडिया के भविष्य की तैयारी के तहत जारी की गयी है। MyGov प्लेटफॉर्म के माध्यम से ई-ग्रीटिंग्स की सारी सोर्सिंग सुनिश्चित की गई है, जिसके अंतर्गत क्राउड सोर्सिंग का उपयोग स्वतंत्रता दिवस, शिक्षक दिवस और गांधी जयंती की बधाई के लिए डिजाइन बनाने के लिए भी किया गया है। 14 अगस्त, 2014 को ई-ग्रीटिंग्स पोर्टल को लाइव किया गया और बधाई सन्देश जनहित में जारी किये गए। यह पोर्टल डिजिटल इंडिया की तरफ से सरकार द्वारा स्वचालित किया जाने वाला पोर्टल है।
बॉयोमीट्रिक अटेंडेंस
बॉयोमीट्रिक अटेंडेंस अभी फिलहाल दिल्ली के सभी केंद्रीय सरकारी कार्यालयों को शुरू करने के लिए किया गया है। 150 संगठनों के 40,000 से अधिक सरकारी कर्मचारियों ने पहले ही http://attendance.gov.in पर सामान्य बायो-मेट्रिक अटेंडेंस पोर्टल पर पंजीकरण कर लिया गया है, जो बायोमेट्रिक अटेंडेंस का उपयोग करके उपस्थिति सुनिश्चित करने लग गए हैं। 1000 बायो-मेट्रिक अटेंडेंस टर्मिनल विभिन्न केंद्र सरकार के भवनों के प्रवेश द्वारों पर स्थापित किए जा रहे हैं, जिनके साथ वाई-फाई एक्सेस पॉइंट और मोबाइल कनेक्टिविटी जुड़ा होगा अर्थात दोनों का इस्तेमाल कार्यालयों द्वारा किया जा रहा है। सरकारी कर्मचारी दिल्ली के किसी भी केंद्र सरकार के कार्यालय से अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकेंगे, यही सुविधा डिजिटल इंडिया के तहत दी गयी है।
सभी शहरों में वाई फाई
डिजिटल इंडिया के नौंवें स्तम्भ के अनुसार राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क (एनकेएन) पर सभी विश्वविद्यालयों को कवर किया जाएगा और सभी शहरों में वाई फाई सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इस योजना को लागू करने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) को नोडल मंत्रालय के तौर पर नियुक्त किया गया है।
सरकार के भीतर सुरक्षित ईमेल
ईमेल सरकार के भीतर संचार का प्राथमिक तरीका है। सरकारी ई-मेल अवसंरचना को उचित रूप से बढ़ाया और उन्नत बनाया जाएगा। 10 लाख कर्मचारियों के लिए पहले चरण के तहत बुनियादी ढांचे का उन्नयन पूरा हो चुका है। चरण- II के तहत मार्च 2015 तक 50 लाख कर्मचारियों को कवर करने के लिए 9 करोड़ रुपये की लागत से बुनियादी ढांचे को और उन्नत किया जाएगा। इस योजना के लिए MeitY नोडल विभाग के तौर पर नियुक्त किया गया है।
सरकारी ईमेल डिजाइन
डिजिटल इंडिया के इस स्तंभ के तहत सरकारी ईमेल के लिए मानकीकृत खाके तैयार किए जाएंगे। इसका सारा संचालन मीटीवाई द्वारा किया जा रहा है।
सार्वजनिक वाई फाई हॉटस्पॉट
1 मिलियन से अधिक आबादी वाले शहरों और डिजिटल शहरों को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक वाई-फाई हॉटस्पॉट के साथ पर्यटन केंद्र डिजिटल इंडिया के इसी सम्भ के मद्देनज़र प्रदान किए जाएंगे। यह योजना DoT और शहरी विकास मंत्रालय (MoUD) द्वारा लागू और संचालित की जाएगी।
ई बुक्स
डिजिटल इंडिया के इस सतम्भ के अनुसार पूरे देश के स्कूलों की सभी पुस्तकों को ई-बुक्स में बदल दिया जाएगा। HRD / MeitY मंत्रालय इस योजना के लिए नोडल एजेंसियां हैं, जो इस योजना का सारा कार्यभार संभालेंगी।
एसएमएस आधारित मौसम की जानकारी और आपदाओं का अलर्ट
एसएमएस आधारित मौसम की जानकारी और आपदा अलर्ट प्रदान किए जाएंगे, जिससे मासूम और आपदाओं की जानकारी समय से मिल जाया करेगी। इस उद्देश्य के लिए मीटीवाई का मोबाइल सेवा मंच उपलब्ध कराया गया है, जहां से सारी जानकारी मिलेगी। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (MoES) (भारत मौसम विज्ञान विभाग – IMD) / गृह मंत्रालय (MHA) (राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण – NDMA) इस योजना को लागू करने के लिए नोडल संगठन स्थापित किया गया है, जो न केवल योजना को लागू करेगा बल्कि संचालन भी करेगा।
खोए और पाए गए बच्चों के लिए राष्ट्रीय पोर्टल
डिजिटल इंडिया के नौंवे स्तम्भ के तहत खोए हुए और पाए गए बच्चों पर वास्तविक समय की जानकारी एकत्र करने और साझा करने के लिए राष्ट्रीय पोर्टल की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। MeitY इस परियोजना के लिए नोडल विभाग महिला और बाल विकास विभाग (DoWCD) हैं, जो योजना का संचालन संभालेंगी।
पोर्टल को निम्नलिखित विशेषताओं के साथ पुन: डिज़ाइन किया जा रहा है:
- मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से नागरिक भागीदारी बढ़ाएं जायेंगे।
- पुलिस के लिए मोबाइल / एसएमएस अलर्ट सिस्टम (बाल कल्याण अधिकारी) भी बनाया गया है।
- नागरिकों के लिए बेहतर नेविगेशन योजना भी अलर्ट सिस्टम में दी जाएगी।
- बाल सेवाओं को एकीकृत करने की सुविधा भी मिलेगी।
- सिस्टम / वेब पोर्टल को लोकप्रिय बनाने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग किया जायेगा, ताकि सबको इसके बारे में जानकारी मिल जाये।
- अभी केवल खोए हुए बच्चों या पाए गए बच्चों के लिए ही पोर्टल जारी किया गया है; परन्तु अपराध की जाँच और समय पर प्रतिक्रिया में सुधार करने के लिए एक लंबा रास्ता तय करना होगा, जिसके लिए कोशिशें अभी जारी है।
डिजिटल इंडिया 2022 के 9वां स्तंभ को निर्धारित करने का मतलब यह है कि देश में जो भी डिजिटल इंडिया के तहत योजनाएं जारी की जाएगी, वह सारी योजनाएं भविष्य की तैयारी अर्थात भविष्य में इस्तेमाल होने के सक्षम होंगी। भविष्य में आवश्यकताओं के अनुसार ही डिजिटल इंडिया के इस स्तंभ को बहुत ही सोच विचार करके लागू किया गया है।
जिसके परिणाम भविष्य में बहुत ही सार्थक रूप से नजर आएंगे। समय-समय पर परिस्थितियों के अनुसार योजनाओं का घेरा बढ़ता या घटता रहेगा और उसी अनुसार डिजिटल इंडिया के अभियान को पूरे देश में मजबूती मिलेगी।
सरकारी योजना List 2022 | प्रधानमंत्री सरकारी योजना 2022 |