Driving Licence Test UP उत्तर प्रदेश ड्राइविंग लाइसेंस टेस्ट

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Driving Licence Test UP
Driving Licence Test UP

उत्तर प्रदेश में स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने के लिए, आपके पास एक मान्य लर्निंग लाइसेंस होना आवश्यक होता है। यूपी में जोनल ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट द्वारा ड्राइविंग टेस्ट लिया जाता है। इस ड्राइविंग टेस्ट को सफलतापूर्वक लागू करने और पास करने के उपरांत लर्निंग लाइसेंस उपलब्ध कराए जाते हैं। उसके बाद ही परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन किया जाता है।

लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस की वैलिडिटी 6 महीने तक होती है। इसके बाद आवेदक परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अप्लाई कर सकता है। आवेदक चाहे तो लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस के 30 दिनों के बाद परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अप्लाई कर सकता है।

उत्तर प्रदेश में लर्निंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने के दो तरीके हैं – ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन। अपनी सुविधानुसार दोनों में से किसी भी एक तरीके से आवेदन किया जा सकता है।

विषयसूची

लर्निंग लाइसेंस के आवेदन के लिए पात्रता | Driving Licence Eligibility

  • उत्तर प्रदेश में बिना गियर वाली मोटरसाइकिल के लिए लर्नर लाइसेंस प्राप्त करने के लिए न्यूनतम आयु 16 वर्ष है।
  • उत्तर प्रदेश में लाइट मोटर व्हीकल के लिए शिक्षार्थी का लाइसेंस प्राप्त करने के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष तय की गई है।
  • उत्तर प्रदेश में वाणिज्यिक वाहन के लिए शिक्षार्थी का लाइसेंस प्राप्त करने के लिए न्यूनतम आयु 20 वर्ष निश्चित की गई है।
  • कमर्शियल ड्राइवर के लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले किसी भी व्यक्ति को स्कूल में कम से कम 8 वीं कक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक है।
  • शिक्षार्थियों के लाइसेंस आवेदकों को यूपी ट्रैफिक नियमों और विनियमों के बारे में पता होना चाहिए तभी वह लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त कर पाएंगे, जिसके उपरांत परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अप्लाई किया जा सकता है।

उत्तर प्रदेश में लर्निंग लाइसेंस के लिए आवश्यक दस्तावेज़ | Driving Licence Documents

सभी दस्तावेज़ क्रम में होने चाहिए। इन दस्तावेजों को ऑनलाइन या ऑफलाइन सफलतापूर्वक जमा करने के लिए आवश्यक प्रपत्रों के साथ संलग्न करना भी जरूरी होता है।

  • पूरी तरह से भरा हुआ फॉर्म नंबर 2
  • पूरी तरह से भरा हुआ फॉर्म 1 (फिजिकल फिटनेस सर्टिफिकेट) और फॉर्म 1 ए (मेडिकल सर्टिफिकेट)
  • पासपोर्ट साइज तस्वीरें
  • मूलनिवासी पहचान पत्र जैसे कि आधार कार्ड, राशन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, बिजली / फोन बिल
  • आयु प्रमाण – राशन कार्ड, पासपोर्ट, मतदाता पहचान पत्र, जन्म प्रमाण पत्र, एलआईसी पॉलिसी आदि
  • फीस – आवेदन शुल्क 151रु और ड्राइविंग टेस्ट की फीस 50रु

उत्तर प्रदेश में लर्निंग लाइसेंस के लिए ऑफलाइन आवेदन | UP Driving Licence Offline Registration

  • लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले आवेदक को उत्तर प्रदेश में निकटतम आरटीओ या क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में जाकर आवेदन फार्म लेना होता है।
  • आवेदन फॉर्म सही ढंग से भरने के बाद आवेदक को आरटीओ में जमा करते समय आवश्यक दस्तावेज, पासपोर्ट आकार की तस्वीरें और आवेदन शुल्क संलग्न करना होगा।
  • विभागीय अधिकारियों द्वारा वेरिफिकेशन के बाद एक रसीद दी जाती है।
  • इसके बाद, आवेदक को आरटीओ में ड्राइविंग टेस्ट के लिए उपस्थित होने के लिए एक तारीख और समय चुनना होता है।

उत्तर प्रदेश में लर्निंग लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया | UP Driving Licence Online Registration

  • आवेदक चाहे तो वह ऑनलाइन भी आवेदन कर सकते हैं। यूपी में ऑनलाइन आवेदन करने के लिए आवेदक को यूपी की आधिकारिक परिवहन विभाग की वेबसाइट – http://uptransport.upsdc.gov.in/en-us/ पर जाना होगा।
  • ड्राइविंग लाइसेंस संबंधित सेवा टैब तक पहुंचने के लिए ऑनलाइन सेवा ड्रॉप-डाउन मेनू पर क्लिक करना होगा।
  • इसके बाद आवेदक को नया लर्निंग लाइसेंस टैब चुनना होगा।
  • आवेदन फॉर्म दिखाई देगा, उस फार्म को सही ढंग से भरने के बाद कुछ डाक्यूमेंट्स अपलोड करने होंगे।
  • सबमिट बटन का उपयोग कर के आवेदन फॉर्म को जमा करवाना होगा।
  • बैंक का उपयोग करके ऑनलाइन भुगतान करने के लिए चरणों का पालन करना होगा।

लर्निंग लाइसेंस के लिए टेस्ट | UP Learning Test

आवेदन के वक्त जो टाइम स्लॉट जारी किया जाता है उस टाइम पर आरटीओ ऑफिस में जाना होता है, जहां पर ऑनलाइन ड्राइविंग टेस्ट होता है। इस ड्राइविंग टेस्ट में कुछ सवालों के जवाब देने होते हैं, यदि आवेदक उन सवालों के जवाब सफलतापूर्वक दे देता है। तब आरटीओ अधिकारियों द्वारा अप्रूवल मिल जाता है और आवेदक लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस पहुंचा दिया जाता है। परंतु यदि आवेदक ड्राइविंग लाइसेंस के टेस्ट में फेल हो जाता है, तो उसे दोबारा टेस्ट देने की आवश्यकता पड़ती है।

लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस के लिए होने वाले टेस्ट की जानकारी | UP Learning Test

कंप्यूटराइज्ड टेस्ट

लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस के वक्त होने वाला टेस्ट कंप्यूटराइज्ड टेस्ट होता है। यह टेस्ट ऑनलाइन होता है। आवेदक को ऑनलाइन ही सारे सवालों के जवाब देने होते हैं, उन्हीं जवाबों के मद्देनजर अप्रूवल रिजेक्शन होता है।

हिंदी या अंग्रेजी में सवाल

आवेदक हिंदी या अंग्रेजी मैसेजेस भी भाषा में अपने आप को सहज महसूस करता है, अपनी सुविधानुसार उसी भाषा में वह सवालों के जवाब दे सकता है।

15 मिनट का टेस्ट

इस टेस्ट को करने के लिए 15 मिनट दिए जाते है। आवेदक को 15 मिनट के अंदर अंदर सारे सवालों के जवाब देने होते हैं। यदि आवेदक 15 मिनट में सवालों के जवाब नहीं दे पाता तो, उसके अप्रूवल के चांस थोड़े से कम हो जाते हैं क्योंकि 15 मिनट के अंदर अंदर जिन सवालों के जवाब दिए हैं यदि वे सवाल सवालों के जवाब सही तरीके से नहीं दिए गए तो रिजेक्ट होने के चांस बढ़ जाते हैं।

Driving Licence Test UP
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सवाल

  • कुछ सवाल ट्रैफिक रूल्स, रेगुलेशन, ट्रैफिक सिग्नल पर आधारित होते हैं।
  • कुछ सवालों में सेफ्टी से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं, जिनका जवाब देना होता है।
  • इसके अलावा एक्सीडेंट से संबंधित कुछ सवाल किए जाते हैं।
  • आवेदक को सड़क संकेतों और यातायात नियमों के विभिन्न नियमों और विनियमों के आधार पर वस्तुनिष्ठ प्रश्नों का उत्तर देना होगा। प्रक्रिया में आगे बढ़ने के लिए कम से कम 60% का स्कोर प्राप्त करना होगा।
  • किस तरीके के कागजात वाहन चलाते वक्त पास होने चाहिए उससे संबंधित सवाल भी पूछे जा सकते हैं।
  • इसके अतिरिक्त ओवरटेक, वाहन को संभालना, गियर चेंजिंग आदि से संबंधित भी कुछ सवाल पूछे जा सकते हैं।
  • इन सभी सवालों का जवाब देने के बाद सही उत्तरओं की गणना की जाती है और उसी गणना के मुताबिक अप्रूवल या रिजेक्शन होती है।
  • 15 सवालों में से 9 सवालों का जवाब सही होना आवश्यक है, तभी आवेदक को अप्रूवल प्राप्त होगा।
  • अप्रूवल मिल जाने के पश्चात आवेदक के दिए हुए पते पर लाइसेंस पहुंचा दिया जाता है।
  • यदि आवेदक सवालों के जवाब नहीं दे पाता तो उसे दोबारा लर्निंग लाइसेंस के लिए टेस्ट देने की आवश्यकता पड़ती है।

अप्रूवल होने के बाद

टेस्ट देने के पश्चात यदि आवेदक को अप्रूवल मिल जाता है, उस आवेदक के दिए हुए पते पर 7 दिनों के अंदर अंदर लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस पहुंचा दिया जाता है।

रिजेक्शन के बाद

यदि आवेदक 15 में से 9 सवालों के जवाब सही तरीके से नहीं दे पाता और इस टेस्ट में फेल हो जाता है, उस आवेदन को अगले दिन दुबारा टेस्ट देने की आवश्यकता पड़ती है अर्थात वह दूसरे दिन आकर दोबारा टेस्ट दे सकता है। इस टेस्ट को देने के लिए कुछ फीस निर्धारित की गई है जो देनी पड़ती है।

उत्तर प्रदेश में डुप्लिकेट लर्निंग लाइसेंस के लिए आवश्यक दस्तावेज़

लाइसेंस चोरी होने, गुम होने या क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में डुप्लिकेट लर्निंग लाइसेंस के लिए आवेदन किया जाता है।

डुप्लिकेट शिक्षार्थी के लाइसेंस के लिए आवेदन करने के लिए, आपको निम्नलिखित दस्तावेज़ अनिवार्य होते हैं:-

  • लाइसेंस का विवरण
  • पते का सबूत
  • आयु प्रमाण
  • यदि लर्निंग लाइसेंस खो जाता है, तो FIR की कॉपी

डुप्लिकेट लर्निंग लाइसेंस के लिए आवेदन

लाइसेंस चोरी होने, गुम होने या क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में, लाइसेंसधारक RTO से डुप्लिकेट लर्निंग लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकता है, दस्तावेजों को संलग्न करने और शुल्क का भुगतान करके फॉर्म प्राप्त करना होगा। RTO अधिकारी दस्तावेजों को सत्यापित करेंगे और पंजीकृत पते पर डुप्लिकेट लर्निंग लाइसेंस जारी कर देंगे।

डुप्लिकेट लर्निंग लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन

  • सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की वेबसाइट पर https://parivahan.gov.in/parivahan/ जाना होगा।
  • राज्य का चुनाव करने के पश्चात online apply पर क्लिक करना होगा।
  • इसके पश्चात services on learner’s licence पर क्लिक करना होगा।
  • इसके उपरांत मांगी गई सारी जानकारी भरने के बाद proceed बटन पर क्लिक करना होगा।
  • इस प्रकार डुप्लीकेट लर्निंग लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।

परमानेंट लाइसेंस

  • लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस मिलने के पश्चात आवेदक चाहे तो 32 दिनों के बाद परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अप्लाई कर सकता है।
  • परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदन के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन प्रक्रिया उपलब्ध करवाई गई है।
  • जैसे लर्निंग लाइसेंस के लिए विभाग में जाकर आवेदन किया जाता है उसी प्रकार विभाग में जाकर परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए फॉर्म भरा जाता है।
  • यदि ऑनलाइन अप्लाई करना हो तो यूपी में निर्धारित की गई वेबसाइट पर जाकर परमानेंट लाइसेंस के लिए अप्लाई करना होता है।
  • आवेदक को अपने लर्निंग लाइसेंस की कॉपी अटैच करनी होती है।
  • आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के पश्चात आवेदक को एक तिथि प्राप्त होती है, जिस दिन उसको आरटीओ ऑफिस में जाकर ड्राइविंग टेस्ट देना होता है। ड्राइविंग टेस्ट के लिए आवेदक को खुद आरटीओ दफ्तर में जाना होता है, तभी वह टेस्ट दे पाएगा।
  • यह ड्राइविंग टेस्ट देने के लिए आवेदक को वाहन चला कर दिखाना होता है।
  • आरटीओ अधिकारी द्वारा कुछ मापदंड निर्धारित किए गए होते हैं, मापदंडों का पालन करते हुए व्हीकल को चलाना होता है।
  • व्हीकल को ध्यान पूर्वक चलाना होता है, यदि जरा सी भी चूक हो जाए तो आवेदक इस टेस्ट में फेल हो जाता है।
  • सफलतापूर्वक ड्राइविंग टेस्ट होने के पश्चात आवेदक को 48 घंटों के अंदर परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त हो जाता है।
  • यदि आवेदक फेल हो जाए तो दोबारा टेस्ट देने की परमिशन ले सकता है।

जो भी यूपी निवासी ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करना चाहता है। उसको पहले लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अप्लाई करना होता है, इसलिए यह आवश्यक है कि वह लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अप्लाई करने से पहले सारे नियमों, वाहन को चलाने की टेक्निक, ट्रैफिक सिग्नल आदि की पूरी जानकारी रखता हो। यदि आवेदक को इस बारे में ज्यादा ज्ञान नहीं है, तो उसे पहले यह जानकारी प्राप्त करनी होगी, तभी वह लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस के लिए पूरी तरह से तैयार हो पाएगा।

सिग्नल टेस्ट देने के पश्चात जब अप्रूवल मिल जाता है, तब लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त होने के बाद ही परमानेंट लाइसेंस के लिए आवेदन करने के योग्य होता है।

पूरे भारत में व्हीकल चलाने के लिए लाइसेंस का होना अति आवश्यक होता है, इसलिए सभी को लाइसेंस के लिए अवश्य अप्लाई करना चाहिए। बिना लाइसेंस के वाहन चलाने वालों को बहुत सारी समस्याएं झेलनी पड़ती हैं और हर्जाना देना पड़ता है।

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3 COMMENTS

  1. आवेदक परमानेंट डीएल के लिए अपना वाहन लेजयगा या फिर सरकारी वाहन मिलेगा

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